कांगड़ा एयरपोर्ट के सर्वे को मंजूरी; दोनों चरणों का भूमि अधिग्रहण एक साथ करने की तैयारी

Read Time:4 Minute, 39 Second

कांगड़ा एयरपोर्ट के सर्वे को मंजूरी; दोनों चरणों का भूमि अधिग्रहण एक साथ करने की तैयारी।

हिमाचल सरकार ने कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर सोशल इम्पैक्ट असेस्मेंट सर्वे की मंजूरी दे दी है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान हिप्पा को एजेंसी चुनने का काम दिया गया था, जो पूरा हो गया है। टेंडर के जरिए एसआर एशिया को चुना गया है। यही एजेंसी मंडी एयरपोर्ट की असेस्मेंट भी कर रही थी। अब पर्यटन विभाग सोशल इम्पैक्ट असेस्मेंट की नोटिफिकेशन करेगा, जिसमें इस एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि की जानकारी देनी होगी। दरअसल इस असेस्मेंट के लिए कांगड़ा जिला प्रशासन ने दो चरण बनाए थे और पहले चरण की रिपोर्ट पर्यटन विभाग को भेज दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर दूसरे चरण की रिपोर्ट भी मंगवाई गई और अब दोनों चरणों की सोशल इम्पैक्ट असेस्मेंट एक साथ होगी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम भी एक साथ ही किया जाएगा। गगल एयरपोर्ट की एयर स्ट्रिप वर्तमान में 1376 मीटर की है, जिसे 3100 मीटर करने की योजना है।

इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 4000 करोड़ रुपए के आसपास आने वाली है। नई बात यह है कि यह ब्राउनफील्ड कैटेगरी का एयरपोर्ट होगा। इसका अर्थ यह हुआ कि इस एयरपोर्ट के विस्तार के लिए होने वाली लागत को केंद्र और राज्य मिलकर वहन करेंगे। पहले चरण का भूमि अधिग्रहण गगल बाजार तक हो जाएगा। सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए कांगड़ा में बड़ा जहाज उतरना जरूरी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री दोनों चरणों का भूमि अधिग्रहण एक साथ करना चाहते हैं। हिप्पा के निदेशक ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर ने बताया कि कांगड़ा एयरपोर्ट की सोशल इम्पैक्ट असेस्मेंट के लिए एजेंसी का चयन हो गया है और अब टूरिज्म को केस वापस भेजा है। पर्यटन विभाग इस बारे में जैसे ही अधिसूचना जारी कर देगा, यह सर्वे शुरू हो जाएगा।

कांगड़ा या मंडी. सरकार को लेना होगा फैसला

हिमाचल में इंटरनेशनल एयरपोर्ट कांगड़ा में बनेगा या मंडी में? यह फैसला आखिरकार राज्य सरकार को लेना होगा। इसकी वजह यह है की मंडी और कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए लागत लगभग बराबर है। हर एयरपोर्ट पर 4000 करोड़ के आसपास खर्चा होगा। मंडी प्रस्तावित एयरपोर्ट ग्रीन फील्ड कैटेगरी का है। इसलिए इसकी पूरी लागत राज्य को झेलनी होगी, जबकि कांगड़ा एयरपोर्ट में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी मदद करेगी। राज्य सरकार अपने संसाधनों से सिर्फ एक ही एयरपोर्ट का खर्चा झेल सकती है। वर्तमान में कांगड़ा से पहले मंडी एयरपोर्ट के लिए सोशल इम्पैक्ट असेस्मेंट शुरू हो गई थी और वहां अब जन सुनवाई हो रही है।

मंडी में ग्रीनफील्ड

मंडी एयरपोर्ट ग्रीन फील्ड कैटेगरी का है। इसलिए इसकी पूरी लागत राज्य को झेलनी होगी। वहीं, मंडी एयरपोर्ट के लिए जनसुनवाई को सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

कांगड़ा में ब्राउनफील्ड

कांगड़ा हवाई अड्डा ब्राउनफील्ड कैटेगरी का होगा। इसका अर्थ यह हुआ कि इस एयरपोर्ट के विस्तार के लिए होने वाली लागत को केंद्र और राज्य मिलकर वहन करेंगे।

By Divya Himachal

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post हिमाचल के इस जिला में भरे जाएंगे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका के पद, मांगे आवेदन
Next post खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की खुली धमकी, ‘शाह का हाल भी इंदिरा गांधी जैसा होगा’
error: Content is protected !!