हिमाचल की पर्वतारोही बलजीत कौर की मौत, बिना ऑक्सीजन अन्नापूर्णा पर चढ़ाई पर निकली थी

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हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की पवर्तारोही बलजीत कौर (Baljeet Kaun) की मौत हो गई है. अन्नापूर्णा बैस कैंप से बलजीत कौर लापता हो गई थी. लेकिन अब उनके निधन की खबर आ रही है.

जबकि एक अन्य पर्वतारोही की मौत हुई है. हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने मौत की पुष्टि की है.

गौतरलब है कि अन्नापूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी है और बलजीत कौर ने इसे बिना ऑक्सीजन के फतेह किया था. वह कैंप से वापस लौट रही थी और इस दौरान लापता हो गई हैं. सोलन जिला प्रशासन को फिलहाल इस घटना की जानकारी नहीं है.

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने मौत की पुष्टि करते हुए लिखा कि निशब्द हूं. मेरे निर्वाचन क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली पर्वतारोही बलजीत कौर की दुखद मृत्यु की खबर सुनकर बहुत आहत हूं. इस छोटी सी उम्र में इस प्रतिभाशाली ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं की इस बेटी की पुण्य आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति मिले.

पिता थे एचआरटीसी में ड्राइवर

बलजीत कौर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की कंडाघाट के गांव पंजरोल की रहने वाली हैं. उनके पिता अमरीक सिंह हिमाचल पथ परिवहन में बस ड्राइवर रहे हैं और उनकी मां शांति देवी गृहिणी हैं. बलजीत के कुल तीन भाई बहन हैं. बलजीत कौर ने एनसीसी में शामिल होने के बाद पहाड़ों की चढ़ाई शुरू की थी. 20 साल की उम्र में उन्हें माउंट देव टिब्बा के एनसीसी अभियान के लिए चुना गया था. बलजीत कौर केवल 27 साल में 8,000 मीटर की ऊंचाई पर चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही हैं. उन्होंने इतने कम समय में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर यह रिकार्ड अपने नाम किया है.

विक्रमादित्य सिंह से मिली थी

हाल ही में शिमला में बलजीत कौर विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात की थी. उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए सरकार से मदद मांगी थी. बलजीत बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई करना चाहती थी. हालांकि, उनके लापता होने की खबर के बाद पूरा हिमाचल प्रदेश उनके सलामत होने की दुआएं मांग रहा है. लेकिन अब उनकी मौत हो गई है.

CM ने जताया शोक

हिमाचल प्रदेश की पर्वतारोही बलजीत कौर की नेपाल में अन्नपूर्णा चोटी पर अचानक मृत्यु होने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गहरा शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि परिवार के साथ ही यह प्रदेश के लिए अपूर्णीय क्षति है. इसकी भरपाई नहीं की सकती. प्रदेश के साथ ही देश ने एक होनहार, प्रतिभावान पर्वतारोही को खोया है. वह शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं. उनकी ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिजन को यह गहरा आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

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