बड़ा खुलासाः बस इतने लाख रुपए के लिए अतीक और उसके भाई को हत्यारों ने गोलियों से भूना
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों की हत्या में शामिल तीनों हत्यारों को इस घटना को अंजाम देने के लिए 10-10 लाख रुपए एडवांस के रूप में भी दिए जाने की बात सामने आई है।
उन्हें एडवांस के साथ-साथ हथियार भी दिए जाने की बात सामने आई है। हैंडलर ने उन्हें आधुनिक हथियार और कारतूस दिए थे। हत्याकांड को अंजाम देने की नीयत से ही तीनों प्रयागराज आए थे।
वहीं अतीक अहमद की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है। सनी सिंह हमीरपुर और अरुण मौर्य कासगंज जिले का है। सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य की पहचान पहले से ही थी। सनी सिंह हिस्ट्रीशीटर रहा है। उसके खिलाफ 18 केस दर्ज हैं। अरुण मौर्य को लेकर कहा जा रहा है कि उसके सनी सिंह से पहले ही संबंध थे। दोनों दोस्त थे। इस प्रकार सनी सिंह ही लवलेश और अरुण मौर्य के बीच की कड़ी माना रहा है।
वहीं गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस सुरक्षा में हत्या के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें एक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित कर हत्याकांड की जांच की मांग की गई है। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने रविवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की मांग की और 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की भी जांच की मांग की। अहमद और उसके भाई अशरफ को पत्रकारों के भेष में तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी, जब पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज में शनिवार की रात जांच के लिए ले जाया जा रहा था। याचिका में कहा गया है कि फर्जी पुलिस मुठभेड़ों का कानून के तहत कोई स्थान नहीं है और कहा कि एक लोकतांत्रिक समाज में पुलिस को अंतिम न्याय देने का एक तरीका बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, क्योंकि सजा देने की की शक्ति केवल न्यायपालिका में निहित है।
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