भाषा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आज केंद्रीय विद्यालय रिकांग पिओ में जिला स्तरीय हिंदी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें कल्पा मण्डल के विभिन्न स्कूलों के लगभग 20 बच्चों ने भाग लिया जिन्होंने सम्पर्क भाषा के रूप में हिंदी विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए

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रिकांगपिओ 14 सितम्बर, 2022
भाषा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आज केंद्रीय विद्यालय रिकांग पिओ में जिला स्तरीय हिंदी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें कल्पा मण्डल के विभिन्न स्कूलों के लगभग 20 बच्चों ने भाग लिया जिन्होंने सम्पर्क भाषा के रूप में हिंदी विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर जिला लोक सम्पर्क अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1949 में हिंदी को संविधान सभा द्वारा राजभाषा का दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि देश की अधिकांश जनसंख्या की बोल-चाल व सम्प्रेषण की भाषा हिंदी है। राष्ट्र को जोड़ने व आपसी भाईचारा बढ़ाने में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंदी विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में चोथे स्थान पर है तथा धीरे-धीरे हिंदी का पूरे विश्व में वर्चस्व बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि देश ही नहीं विदेशों में भी हिंदी भाषा को बोलने व सीखने के प्रति रूझान बढ़ा है। आज बहुत से देशों में हिंदी भाषा को पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं अमरिका के विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वैबसाईट पर भी हिंदी अनुवाद आरंभ किया गया है। देश के प्रतिष्ठित प्रोद्यौगिक संस्थानों में हिंदी सहित भारतीय भाषाओं के माध्यम से पढ़ाई में पहल हुई है। कुछ राज्यों में विधि पाठ्यक्रम को हिंदी में पढ़ाने की भी पहल की गई है। यही नहीं, चिकित्सा एवं विज्ञान शिक्षा में भी हिंदी भाषा के प्रयोग का प्रयास आरंभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और हम सभी का यह दायित्व बनता है कि हम केवल एक दिन को हिंदी दिवस के रूप में न मनाकर हिंदी भाषा को अपने दैनिक बोल-चाल व अपने कार्य में सम्मिलित करें तभी यह जन-जन की भाषा बन सकती है। उन्होंने कहा कि हमें हिंदी को न केवल अनुवाद की भाषा बल्कि सम्पर्क भाषा के रूप में विकसित करना होगा। साथ ही अपनी स्थानीय बोलियों का संरक्षण भी सुनिश्चित बनाना होगा।
केंद्रीय विद्यालय रिकांग पिओ की प्राध्यापिका रंजना देवी ने उपस्थित सभी जनों का स्वागत किया तथा केंद्रीय विद्यालय में आयोजन करने के लिए विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयासों से हिंदी को जन-जन की भाषा बनाया जा सकता है। इसके लिए हमें सतत प्रयास करना होगा तभी हम हिंदी को वह दर्जा दे पाएंगे जिसकी वह हकदार है। उन्होंने विद्यार्थियों से भी आग्रह किया कि वे अन्य भाषाओं के साथ-साथ हिंदी भाषा को अवश्य सीखें तथा अपने दैनिक बोल-चाल व कार्य में हिंदी भाषा का प्रयोग करें।
इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांगी की सुलक्षणा प्रथम, डी.ए.वी शताब्दि पबिल्क स्कूल रिकांग पिओ की छात्रा शनाया द्वितीय तथा जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांग पिओ की छात्रा मृदुला ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वरिष्ठ वर्ग में जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांग पिओ की हर्षिता नेगी प्रथम, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांगी की अनुराधा द्वितीय तथा डी.ए.वी शताब्दी पबिल्क स्कूल रिकांग पिओ की वंशिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों सहित अन्य उपस्थित थे।

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