सुमरा पंचायत ने मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने वाली हिमाचल प्रदेश की पहली पंचायत बनने का उदाहरण स्थापित किया

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हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश व विदेश में अत्यंत प्रसिद्ध है। परंतु, हाल ही में आई आपदा के कारण राज्य को बड़ा नुकसान हुआ है, जिसमें जान व माल को क्षति पहुंची है। इस कठिन समय में राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं।
जिला किन्नौर की आखरी ग्राम पंचायत सुमरा जिसकी कुल आबादी 235 व्यक्ति हंै, ने आपदा के इस कठिन समय में मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने वाली हिमाचल प्रदेश की पहली पंचायत बनकर मानवीय संवदेना का उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया है।
ग्राम पंचायत सुमरा की समस्त महिलाओं ने हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 10 हजार रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर भेंट की है।
ग्राम पंचायत सुमरा के नौजवानों द्वारा भी मानवीय संवेदनाए प्रकट करते हुए युवक मंडल सुमरा द्वारा 10 हजार 01 रुपये की राशि भी मुख्यमंत्री राहत कोष की और भेंट की गई है।


सुमरा पंचायत की महिलाओं और युवक मण्डल का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में आई इस आपदा के कारण जो नुकसान हुआ है उसे जानकर वह अत्यंत आहात हुए हैं, इसलिए इस कठिन परिस्थिति में प्रदेश सरकार को संबल प्रदान करने के लिए, उनके द्वारा यह योगदान प्रदान किया गया है।
उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस आपदा के समय अन्य ग्राम पंचायतें व अन्य लोग भी आगे आकर अपना अहम योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर भेंट कर प्रदेश को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करेंगे।
किन्नौर जिला की ग्राम पंचायत शलखर के नम्बरदार संजय कुमार तथा ग्राम कांग्रेस समिति शलखर के वरिष्ठ सदस्य आत्म प्रकाश बिश्ट ने भी हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के कारण प्रदेश भर में हुए भारी नुकसान के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में 5100-5100 रुपये का चैक भेंट किया।
मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान देने के लिए ीजजचेरूध्ध्बउीपउंबींसण्ीचण्हवअण्पद लिंक पर जाकर आॅनलाईन माध्यम से अंशदान दिया जा सकता है।

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