पोषण अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसे जनभागीदारी के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सुखद परिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं। विकासखंड सुजानपुर में राष्ट्रीय महत्व के इन कार्यक्रमों के वांछित लक्ष्यों को जनसंवाद, जनसंपर्क तथा सामाजिक व्यवहार परिवर्तन (सोशल बिहेवियरल चेंज) के माध्यम से प्राप्त करने के गहन प्रयास विगत कुछ वर्षों से निरंतर किये जा रहे है। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में आशातीत सफलता मिली है तथा गंभीर कुपोषण (सैम)का स्तर 0.8% तक तथा मध्यम कुपोषण (मैम) 3.30% तक सीमित हो गया है। कुपोषण के इन स्तरों को क्रमशः 0.1% तथा 2.3% की सीमा तक सीमित करने के परियोजना के प्रयासों में तीव्रता लाने हेतु अतिरिक्त भौतिक संसाधन जुटाये जा रहे हैं व रेफरल सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी प्रकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत विगत दो वर्षों में जहां जन्म लिंगानुपात क्रमशः 1042 वह 1031 दर्ज किया गया वहीं बाल लिंगानुपात प्राकृतिक रुप से स्वीकार्य सीमा 956 के बेहद करीब पहुंचकर 954 हो गया है। उक्त जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषण अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मिशन शक्ति, आईसीडीएस, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के कार्यान्वयन पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम सुजानपुर राकेश शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास और सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारे समस्त विकास कार्यक्रमों के केंद्र में है । इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि लक्षित समूहों को सही सूचना मिले, वे सेवा/योजना के महत्व के बारे में जाने व स्वैच्छिक रूप से उससे जुड़ें। इस संबंध में बाल विकास परियोजना सुजानपुर के प्रयास सराहनीय रहे हैं। बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत किशोरी मेलों के आयोजन, नवजात कन्या शिशुओं की माताओं के सार्वजनिक सम्मान , बेटी जन्मोत्सवों के आयोजन, किशोरी बेटियों के लिए तनाव प्रबंधन एवं कैरियर काउंसलिंग कार्यशालाओं के आयोजन, विविध क्षेत्रों में सफलता की गाथा लिखने बाली बेटियों के सार्वजनिक सम्मान जैसे हस्तक्षेपों के द्वारा परियोजना बेटियों और महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाने और गिरते बाल लिंगानुपात की दिशा को बदलने में सफल रही है। उन्होंने सुजानपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण जागरूकता शिविरों, पोषण मेलों, पोषण प्रदर्शनियों, स्वास्थ्य जांच शिविरों, सामुदायिक BMI आकलन जैसे हस्तक्षेपों द्वारा पोषण जागरूकता को जन आंदोलन का स्वरूप देने के परियोजना के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी संबंधित विभागों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से इस संबंध में समग्र दृष्टिकोण (इंटीग्रेटेड अप्रोच) अपनाने व जनहित की योजनाओं को एकीकृत मंच प्रदान करने की संभावनाओं पर कार्य करने का आह्वान किया। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर हुई चर्चा की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान परियोजना द्वारा आईसीडीएस के अंतर्गत 2604 बच्चों एवं 490 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को लाभ पहुंचाया गया है। इसी प्रकार अगस्त 2023 तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 4 लाभार्थियों को 204000 रुपए, मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत 8 लाभार्थियों को 248000 रुपए तथा मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के अंतर्गत 72 माताओं को 304184 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 के अंतर्गत 185 गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के दावे स्वीकृति हेतु भेजे गए हैं तथा बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत 13 बेटियों को 273000 रुपए की FD व 230 बालिकाओं को 265000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। उन्होंने सरकार द्वारा संचालित एवं विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वित योजनाओं को एक दूसरे का पूरक मानते हुए उन्हें पूर्ण निष्ठा एवं कर्तव्य परायणता से लागू करने पर बल दिया ताकि सभी योजनाओं के वास्तविक लक्ष्य अर्थात स्वस्थ, सहकारी एवं भेदभाव रहित समाज के निर्माण को हासिल किया जा सके। उन्होंने सीडीपीओ सुजानपुर एवं बीएमओ सुजानपुर से बच्चों की परिभाषा को विस्तृत करते हुए किशोरों के स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं विशेषकर उन्हें नशे के चंगुल से बचाने के प्रयासों में भी अपना योगदान देने का आह्वान किया व इस हेतु किशोर मित्र स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध सेवाओं का अधिकतम प्रयोग करने की सलाह दी। बैठक में सीडीपीओ सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने परियोजना द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा दिया व विभिन्न क्षेत्रों में बाल विकास परियोजना सुजानपुर द्वारा अपने स्तर पर किए जा रहे नवन्वेषी
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