हमीरपुर 26 सितंबर। भोरंज उपमंडल के गांव मुंडखर की उचित मूल्य की दुकान में चावल की गुणवत्ता के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सहकारी सभा मुंडखर और बाहनवीं स्थित राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के भंडार से चावल के सैंपल लिए हैं।
विभाग के जिला नियंत्रक अरविंद शर्मा ने बताया कि प्रथमदृष्टया शिकायत में दर्शाए गए चावल के दाने वास्तव में फोर्टीफाइड चावलों में मिलाए जाने वाला आयरन फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 है। अरविंद शर्मा ने बताया कि यह चावलों की तरह ही दिखता है। उन्होंने बताया कि फिर भी विभाग के अधिकारियों ने चावल के सैंपल ले लिए हैं तथा इन्हें जांच के लिए शिमला भेजा जा रहा है।
रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत यदि सैंपल निर्धारित मानदंडों के अनुसार नहीं पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में सभी विभागों की खाद्य आपूर्ति योजनाओं के तहत अप्रैल 2023 से फोर्टीफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। सरकार द्वारा फोर्टीफाइड चावल वितरित करवाने का मूल उद्देश्य कुपोषण की समस्या का निराकरण है। उन्होंने बताया कि फोर्टीफिकेशन प्रक्रिया में चावल में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्वों को 1ः100 के अनुपपात में मिलाया जाता है। एक किलोग्राम चावल को फोर्टीफाई करने पर सरकार 73 पैसे खर्च कर रही है।
जिला नियंत्रक ने बताया कि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों से फोर्टीफाइड चावलों को लेकर भ्रांतियों की सूचना जिला प्रशासन और विभाग को मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा फोर्टीफाइड चावलों का वितरण उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य हितों को देखते हुए ही करवाया जा रहा है। फोर्टीफाइड चावल अन्य आम चावल की अपेक्षा गुणवत्ता व पोषण की दृष्टि से बेहतर है।
अरविन्द शर्मा ने बताया कि जिला हमीरपुर को हर माह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 12600 क्विंटल फोर्टीफाइड चावल दिया जा रहा है। यह चावल राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा कुठेड़ा स्थित भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से उठाकर जिला की 307 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 5 लाख 51 हजार उपभोक्ताओं में वितरित किया जा रहा है।
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