धर्मशाला, 26 सितम्बर। मंडलायुक्त कार्यालय के माध्यम से आज मंगलवार को जिले के राजस्व अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने और राजस्व न्यायालय प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजिन किया गया। मंडलायुक्त काँगड़ा ए. शाइनामोल की अध्यक्षता में डीसी ऑफिस के सभागार में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में उपमंडल अधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व उनके रीडर्स को राजस्व न्यायालयों के विधिपूर्ण संचालन हेतु मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल भी उपस्थित रहे।
यह जानकारी देते हुए मंडलायुक्त काँगड़ा ने बताया कि इस प्रशिक्षण का ध्येय राजस्व मामलों को त्वरित एवं विधिपूर्ण तरीके से निपटाना है जिससे कि जमीनी विवादों को समयबद्ध तरीके से सुलझाया जा सके। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल और जिला न्यायवादी ठाकुर भीष्म चंद और एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा ने राजस्व अधिकारियों को धारा 118, निशानदेही, भूमि विभाजन, अवैध कब्जों, इंतकाल इत्यादि मामलों को विधिपूर्ण तरीके से निपटाने की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान अधिकारियों को राजस्व न्यायालय प्रक्रिया की जानकारी दी गई। इसके साथ ही मामलों के निपटारे में आ रही दिक्कतों को हल करने के लिए भी राजस्व अधिकारियों को टिप्स दिए गए। उन्होंने बताया कि राजस्व संबंधी मामलों के त्वरित निपटान के लिए सभी राजस्व अधिकारियों को राजस्व न्यायालय प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी होना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने बताया कि मंडलायुक्त कार्यालय के माध्यम से इस प्रकार की प्रशिक्षण कार्यशाला जिला चम्बा व ऊना में भी आयोजित की जाएगी।
आम जनमानस की सुविधा को रखें ध्यान में: डीसी
इस दौरान उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने उपस्थित अधिकारियों को राजस्व कार्यों के दौरान पेश आने वाली व्यवहारिक समस्याओं और उनके समाधान के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि राजस्व मामले आम जनमानस से जुड़े होने के कारण उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करतें हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी को राजस्व सम्बन्धित मामलों में जल्द राहत प्रदान करने के प्रयास किए जाएं।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर सहायक आयुक्त मंडलायुक्त राम प्रसाद, विभिन्न उपमंडलों के उपमंडल अधिकारी (नागरिक) तथा तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा उनके रीडर्स उपस्थित रहे।
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