धर्मशाला, 27 सितम्बर। ठोस और तरल कचरे के सही निष्पादन की शुरुआत घरों से ही होनी चाहिए। स्वच्छता से जुड़े विभागों को ठोस और तरल कचरे के निष्पादन को लेकर आम जनमानस को जागरूक करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। डीआरडीए के सभागार में आज बुधवार को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाने हेतु आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौड़ ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कूड़े के उचित प्रबंधन के लिए सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सरकार और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
बैठक में जिला में एनजीटी के तहत गठित कमेटियों द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा की गई। एडीसी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें तथा सम्बन्धित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यो का निर्वहन करें।
एडीसी ने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की और से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें।
एडीसी ने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी कदम उठाएं तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है।
बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ वरुण गुप्ता और कनिष्ठ अभियंता रजत ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया।
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