मंडी, 6 अक्तूबर। अतिरिक्त उपायुक्त मंडी निवेदिता नेगी ने कहा कि आपदा प्रबंधन, जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों को लेकर अधिकारियों से लेकर आम नागरिकों तक सभी के लिए संवेदीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने इसे लेकर जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी की एक दिवसीय कार्यशाला इसी मकसद से प्रेरित है। उन्होंने आशा जताई कि इससे जिले में आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
अतिरिक्त उपायुक्त आपदा प्रबंधन और प्रतिसाधन रणनीतियों पर जानकारी और ज्ञानवर्धन के उद्देश्य से शुक्रवार को मंडी में आयोजित एक दिवसीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए बोल रही थीं। इस कार्यशाला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के प्राध्यापकों ने प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भाग लिया।
निवेदिता नेगी ने कहा कि नदी नालों के बहाव के रास्ते में निर्माण गतिविधियां आपदा की भयावहता और नुकसान में वृद्धि कर देती हैं। इसे लेकर सजगता जरूरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला संगठित तैयारी और आपदा प्रबंधन में जन समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने में दिशा दिखाने वाली साबित होगी।
तीन सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला के पहले सत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के डॉ. के.वी. उदय ने हाल ही में मानसून के दौरान हुई आपदाओं के मूल्यांकन को लेकर चर्चा की। दूसरे सत्र में आईआईटी मंडी के प्रोफेसर डॉ. विवेक गुप्ता ने जलवायु परिवर्तन और विपदा का मूल्यांकन विषय को लेकर ज्ञानवर्धन किया। कार्यशाला के तीसरे एवं अंतिम सत्र में आईआईटी प्रोफेसर डॉ. शिवांग शेखर ने बुनियादी ढांचा प्रणालियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर चर्चा की।
वहीं, प्रतिभागियों ने कहा कि इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान आपदा को लेकर प्रतिक्रिया के संबंध में क्षमता निर्माण में सहायक रहा।
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