मंडी, 17 अक्तूबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी में आपदा प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से घोषित राहत पैकेज के तहत राहत राशि वितरित करेंगे। 23 अक्तूबर को मंडी के पड्डल मैदान में होने जा रहे इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जिले के प्रभावित परिवारों को राहत राशि प्रदान करेंगे। बता दें, हिमाचल सरकार ने प्रदेश के आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और बुनियादे ढांचे के सृजन में सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। यह कार्यक्रम इसी के पहल के तहत आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डीसी अरिंदम चौधरी ने मंगलवार को सभी विभागों की बैठक ली तथा अधिकारियों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी। उन्होंने सभी विभागों को अपना दायित्व पूरी गंभीरता से निभाने के निर्देश दिए।
बैठक में एडीसी निवेदिता नेगी, एडीएम डॉ. मदन कुमार, एसडीएम सदर ओम कांत ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के लिए 8 कमेटियां गठित
कार्यक्रम के लिए 8 समितियों का गठन किया गया। पड्डल मैदान में तैयारी को लेकर एडीएम डॉ. मदन कुमार की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। वहीं पड्डल में बैठने के प्रबंधों, स्टेज तथा अन्य सुरक्षा इंतजामों की देखरेख के लिए एसडीएम सदर ओम कांत ठाकुर की अगुवाई में कमेटी गठित की गई। इसके अलावा कार्यक्रम में सहायक आयुक्त कुलदीप पटियाल को स्वागत कमेटी तथा जिला पर्यटन विकास अधिकारी को कैटरिंग का जिम्मा देखने वाली कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। आरटीओ मंडी को यातायात एवं पार्किंग कमेटी व जिला लोक संपर्क अधिकारी को मीडिया समिति का दायित्व दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए हिमाचल सरकार ने गंभीरता से ठोस कदम उठाए हैं। प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज घोषित किया है, जिसमें मुआवजा राशि को कई गुना बढ़ाया गया है। पहले जहां पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान की ऐवज में 1.30 लाख रुपए मिलते थे, इसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया है। इसके साथ ही उन्हें घर बनाने के लिए किफायती दर से सीमेंट तथा बिजली-पानी का फ्री कनेक्शन भी उपलब्ध करवाएगी। घर को आंशिक नुकसान होने पर मुआवजा राशि में बढ़ोतरी कर इसे एक लाख रुपए किया गया है। नए प्रावधानों के अनुसार गाय व भैंस जैसे दुधारू की मृत्यु पर प्रति पशु 55 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है। भेड़ और बकरी की मृत्यु पर मिलने वाली वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है।
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