सतत् एवं समावेशी शहरी विकास की परिकल्पना के साथ कार्य करें हिमुडा: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर सायं यहां हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) के निदेशक मंडल की 52वीं बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने जनता में अपनी उपस्थिति और सेवा बढ़ाने के दृष्टिगत हिमुडा को नवीनतम निर्माण तकनीकों को अपनाने और सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकों का लाभ उठाने के लिए कहा। उन्होंने रिकॉर्ड-कीपिंग को सुव्यवस्थित करने और भौतिक दस्तावेजीकरण पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मेज़रमेंट बुक्स (ई-एमबी) को अपनाने के निर्देश दिये। सरकार के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार ई-टेंडरिंग प्रणाली के माध्यम से निविदा प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने हिमुडा को सतत् एवं समावेशी शहरी विकास की दृष्टि से आगे बढ़ने के निर्देश दिए। उन्होंने फ्लैट के आकार में सुधार करने और इसे उपयोगकर्ता के और अधिक अनुकूल बनाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने हिमुडा की सभी परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमुडा को प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से कार्य कर अपनी परियोजनाओं में नवीन पहल करनी चाहिए। उन्होंने हिमुडा के अधिकारियों को कर्मचारियों के लिए एक्सपोजर विजिट आयोजित करने तथा क्षमता निर्माण के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए।
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जो भविष्य में राज्य में आवास और शहरी विकास को आकार प्रदान करेंगे। हिमुडा ने राज्य के आवंटनकर्ताओं के प्रति उदार रवैया अपनाया है जिन्हें बकाया भुगतान के संबंध में विवादों का सामना करना पड़ रहा है। निदेशक मंडल ने एकमुश्त निपटान (ओटीएस) नीति को मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत लोगों को लंबित भुगतान बकाया को काफी कम दर पर निपटाने का अवसर प्राप्त होगा। इससे न केवल जनता का वित्तीय बोझ कम होगा, अपितु हिमुडा को समुचित संसाधन भी उपलब्ध होंगे, जिन्हें जनता की भलाई के लिए भविष्य की गतिविधियों में पुनर्निवेशित किया जाएगा।
बोर्ड ने हिमुडा को एकमुश्त निपटान नीति (वन टाईम सेटलमेंट पॉलिसी) के तहत भवनों की एटीक को भी नियमित करने का प्रावधान करने के निर्देश दिए। बोर्ड ने निर्देश दिए कि एटीक को लेकर प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके अनुरूप हिमुडा भी अपनी नीति बनाए।
बोर्ड ने हिमुडा को शिमला में भीड़भाड़ को कम करने के दृष्टिगत शिमला के निकट जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के पास नये शहर ‘माउंटेन सिटी’ की स्थापना के लिए भूमि अधिगृहित करने को स्वीकृति प्रदान की। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1373 करोड़ रुपए है। परियोजना से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों और रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा और उन्नत भूकंप रोधी तकनीक का उपयोग करते हुए सुदृढ़ बुनियादी ढांचे के साथ एक अत्याधुनिक शहर का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त, आवास, शहरी विकास एवं नगर नियोजन देवेश कुमार, लोक निर्माण विभाग तथा और जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता,मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव डॉ. आर.के. प्रूथी, मुख्य अभियंता (वर्क्स) डॉ  सुरिंदर वशिष्ठ  ने बैठक में भाग लिया।

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