ऊना, 26 अक्तूबर – नशामुक्त ऊना अभियान के अन्तर्गत ज़िला ऊना में जमीनी स्तर पर नशे के शिकार लोगों के उपचार के लिए एम्स दिल्ली के सहयोग से ज़िला के चिकित्सकों व अन्य पैरामैडिकल स्टाफ के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन वीरवार को डीआरडीए सभागार में शुरू हुआ। शिविर का शुभारम्भ उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने किया। चार दिन तक चलने वाले इस शिविर में ज़िला के लभगग 35 चिकित्सक व पैरामैडिकल स्टाफ हिस्सा ले रहे हैं। एम्स से आई फैकल्टीज़ का स्वागत करते हुए उपायुक्त ने कहा कि ज़िला प्रशासन इस प्रशिक्षण के लिए काफी समय से प्रयासरत था। इसके उपरान्त अब ज़िला के सभी पांचों ब्लॉक के दो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी के आधार पर नशे के उपचार की सुविधा लोगों को घर-द्वार मिल सकेगी। इसी उद्देश्य से डॉक्टर व पैरामैडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशामुक्त ऊना अभियान का मुख्य फोकस डिमांड डिडक्शन व प्राइमरी इंटरवैंशन पर तो है ही, साथ ही नशे के शिकार लोगों को बेहतरीन व उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान भी रखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ना है, तो जरूरी है कि नशे के शिकार लोगों को इन स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंचाया जाए ताकि नशाखोरी में फंसे व्यक्ति को एक बार फिर से मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं एम्स जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान की देखरेख में संचालित होंगी, जिनके भविष्य में सकारात्मक परिणाम आने आरम्भ हो जाएंगे। इस मौके पर एम्स से आए हुए डॉक्टर अलोक अग्रवाल ने ज़िला प्रशासन के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ज़िला में नशे के शिकार लोगों को अन्तर्राष्ट्रीय मानदण्डों के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संस्थान प्रशिक्षण सहित अन्य तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। डॉक्टर व पैरामैडिकल स्टाफ को चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान नशे के उपचार के लिए वर्तमान में अपनाई जा रही विभिन्न चिकित्सीय प्रणालियों सहित काउंसलिंग, स्क्रीनिंग के सम्बन्ध में पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रशिक्षण के उपरान्त यहां से प्रशिक्षित स्टाफ धरातल पर लोगों के जीवन को सुधार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। प्रशिक्षण में एम्स से डॉ. विश्वजीत चैटर्जी ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे।
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