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ऊना, 6 दिसम्बर – बेहतर आपदा प्रबंधन और प्रतिक्रिया के लिए “युवा स्वयंसेवकों की टास्क फोर्स का निर्माण“ योजना के तहत आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षिण शिविर का समापन्न बुधवार को बचत भवन में हुआ। इस दौरान खंड विकास अधिकारी किशोरी लाल वर्मा भी उपस्थित रहे। इस मौके पर बीडीओ ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को ज्यादा से ज्यादा आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस प्रशिक्षण शिविर में ग्राम पंचायत बनगढ़, चलोला, बीनेवाल, भड़ोलियाँ कलां, बसोली एवं नारी चिंतपूर्णी विकास समिति से 56 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के प्रथम दिन में प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक सुमन चाहल ने प्रतिभागियों को आपदा एवं आपदा प्रबंधन के मूल विषयों, आपदा प्रबंधन में स्वयंसेवियों की भूमिका, ग्राम आपदा प्रबंधन योजना के बारे में जानकारी दी।
अग्नि शमन विभाग से सुरेश कुमार ने आग एवं उससे बचाव के तरीके व अग्निशमन उपकरणों बारे जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण शिविर के द्वितीय दिन में प्राथमिक स्वास्थय केंद्र अप्पर बसाल से डॉक्टर अरविन्द शर्मा ने आपदा के दौरान प्राथमिक उपचार, विशेष रूप से सीपीआर, सांप का काटना इत्यादि के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण शिविर के तृतीय दिवस पर गृह रक्षक विभाग से धीरज शर्मा एवं उनकी टीम ने प्रतिभागियों को खोज एवं बचाव के तरीकों बारे जानकारी मुहैया करवाई।
उन्होंने इस प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा संचालित सचेत एप के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर स्कूलों में आपदा प्रबंधन योजना के महत्व पर भी चर्चा की गयी क्योंकि स्कूल एक महत्व्पूर्ण संरचनात्मक ढांचा है जिसे भावी नागरिक बनाने की जिम्मेदारी सौपी जाती रही है। सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण प्रभावी शिक्षण एवं सीखने के लिये पूर्ववर्ती शर्त है। इसलिये बच्चों, शिक्षको एवं कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसलिये यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाये।
प्रशिक्षण शिविर में जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कश्यप ने आपदा के दौरान होने वाले फील्ड के अनुभवों को साँझा किया गया। उन्होंने सभी स्वयंसेवियों को आपस में तालमेल बना के रखने को कहा ताकि आपदा के दौरान सभी स्वयंसेवी कम से कम समय में प्रतिक्रिया दे सके और आपदा से होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों से आपतकालीन सम्पर्क नंबर पर आपदा की सही एवं सटीक जानकारी भी उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया की आधी अधूरी जानकारी से सही प्रतिक्रिया देने में मुश्किल आती है।
प्रशिविर शिविर में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए।
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