जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मण्डी की अदालत ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के अपराध में पत्नी और प्रेमी दोनों को भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 306, के तहत तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा के साथ ₹ 25000/प्रत्येक को जुर्माने की सजा सुनाई
जिला न्यायवादी मण्डी, विनोद भारद्वाज ने बताया कि 05/01/2015 को पुलिस को जय राम पुत्र मदन लाल निवासी गाँव ढाबन तहसील व् थाना बल्ह ने शिकायत पत्र दिया कि तकरीबन 03:30 दिन को वह अपने घर पर था और उस समय घर के बाहर काफी शोर था l शोर –गुल सुनकर वह अपने भाई हरी सिह जो कि शिक्षा विभाग में ड्राइंग टीचर था, के घर की तरफ गया और देखा कि उसका भाई हरी सिंह घर की गैलरी में लेटा हुआ था l घटना स्थल पर मौजूद शिकायतकर्ता के मामा ने उसे बताया कि हरी सिंह गैलरी की छत में लगी कुण्डी से रस्सी के साथ लटका हुआ था, तथा रस्सी काटकर उसे उतरा गया था l उसके बाद आस पड़ोस के लोग हरी सिंह को गाड़ी में डालकर रती अस्पताल ले का रहे थे तो रस्ते में एक किशोरी लाल ने हरी सिंह की जेब से एक कागज निकला जिसमें एक तरफ काली स्याही से PH 07508542181, PB07 AF 7663 GURPREET ANJU मुकेरियां होशियापुर मेरी मौत के जिम्मेदार आर्मी में है और हस्ताक्षर थे l रती हॉस्पिटल में डॉक्टर ने हरी सिंह को मृत घोषित कर दिया था l शिकायतकर्ता ने कहा कि यकीनन गुरप्रीत और अंजू ही उसके भाई के मौत के जिम्मेदार है और उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही कि जाए l
इस घटना और ब्यान के आधार पर दोषी अंजू पत्नी हरी सिंह निवासी गाँव ढाबन तहसील व् थाना बल्ह और गुरप्रीत सिंह पुत्र श्री बक्शीश सिंह, गाँव हयातपुर, डाकघर कोटली ख़ास, तहसील मुकेरियां, जिला होशियरपुर (पंजाब) के खिलाफ पुलिस थाना बल्ह, जिला मण्डी में अभियोग सख्या 05/2015 दर्ज हुआ था।
इस मामले की छानबीन पूरी होने पर मामले का चालान थाना अधिकारी बल्ह द्वारा अदालत में दायर किया था।
उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 33 गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए थे। इस मामले में सरकार की तरफ से पैरवी जिला न्यायवादी मण्डी, विनोद भारद्वाज के द्वारा अमल में लायी गयी थीl
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