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एसडीएम करेंगे कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण
ऊना, 2 अगस्त. जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त जतिन लाल ने ऊना जिले में सभी कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों के कड़े पालन की दिशा में निर्णायक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित हर कोचिंग सेंटर का सघन निरीक्षण करने और सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने को कहा है। इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए जिला दंडाधिकारी ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने उपमंडलों में कोचिंग सेंटरों का विस्तृत डेटा संकलित करें, जिसमें सेंटर का नाम, पता, स्वामित्व, पंजीकरण स्थिति, नामांकित छात्रों की संख्या, और यदि सेंटर बेसमेंट में संचालित हो तो उसकी स्थिति का विशेष विवरण शामिल हो।
बता दें, हाल ही में दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर में बाढ़ और जलभराव की त्रासदी ने सुरक्षा मानकों की गंभीर कमी को उजागर हुई थी। इस दुर्घटना में सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की दुखद मृत्यु हो गई थी। इस दुर्घटना को देखते हुए उपायुक्त ने बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कोचिंग सेंटर सुरक्षा नियमों का पूरा पालन करें।
उन्होंने कहा कि एसडीएम अपने निरीक्षण में सुनिश्चित करें कि कोचिंग सेंटरों में अग्नि सुरक्षा नियमों का अनुपालन हो। वहां कार्यात्मक अग्निशामक यंत्र, अलार्म और स्पष्ट आपातकालीन निकासी हो। वे परिसर की संरचनात्मक अखंडता का मूल्यांकन करें और यह भी देखें कि वहां उचित वेंटिलेशन हो। इसके अलावा कोचिंग सेंटर परिसर के भीतर और आसपास की जल निकासी प्रणाली का निरीक्षण करें ताकि जलभराव को रोका जा सके, विशेषकर बेसमेंट को लेकर जल निकासी प्रणाली का गहन निरीक्षण करें।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों पर विशेष ध्यान दें। शैक्षणिक संस्थानों के संचालन से संबंधित सभी नियमों का अनुपालन सत्यापित करें, जिसमें पर्याप्त प्रकाश, वेंटिलेशन और आपातकालीन निकास शामिल हों। जो कोचिंग सेंटर आवश्यक सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें इन खामियों का निवारण करने तक अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि एसडीएम आवश्यक सुधारात्मक उपायों के क्रियान्वयन जांचने के लिए पुनः उन सेंटरों का निरीक्षण करेंगे। जिन मामलों में कोचिंग सेंटर अनुवर्ती निरीक्षणों के बाद भी सुरक्षा और संरचनात्मक मानदंडों का पालन करने में विफल रहते हैं, उनके खिलाफ संबंधित कानूनों और विनियमों के अनुसार उपयुक्त कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी एसडीएम को कोचिंग सेंटरों के निरीक्षणों को लेकर अपने निष्कर्षों पर दो दिन के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रिपोर्ट में उन कोचिंग सेंटरों के विशेष जिक्र को भी को भी कहा है जो निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करते पाया जाता है, तो उल्लंघनकर्ता के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 और अन्य कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सभी एसडीएम को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 60 के तहत कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा।
ऊना, 2 अगस्त. जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त जतिन लाल ने ऊना जिले में सभी कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों के कड़े पालन की दिशा में निर्णायक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित हर कोचिंग सेंटर का सघन निरीक्षण करने और सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने को कहा है। इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए जिला दंडाधिकारी ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने उपमंडलों में कोचिंग सेंटरों का विस्तृत डेटा संकलित करें, जिसमें सेंटर का नाम, पता, स्वामित्व, पंजीकरण स्थिति, नामांकित छात्रों की संख्या, और यदि सेंटर बेसमेंट में संचालित हो तो उसकी स्थिति का विशेष विवरण शामिल हो।
बता दें, हाल ही में दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर में बाढ़ और जलभराव की त्रासदी ने सुरक्षा मानकों की गंभीर कमी को उजागर हुई थी। इस दुर्घटना में सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की दुखद मृत्यु हो गई थी। इस दुर्घटना को देखते हुए उपायुक्त ने बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कोचिंग सेंटर सुरक्षा नियमों का पूरा पालन करें।
उन्होंने कहा कि एसडीएम अपने निरीक्षण में सुनिश्चित करें कि कोचिंग सेंटरों में अग्नि सुरक्षा नियमों का अनुपालन हो। वहां कार्यात्मक अग्निशामक यंत्र, अलार्म और स्पष्ट आपातकालीन निकासी हो। वे परिसर की संरचनात्मक अखंडता का मूल्यांकन करें और यह भी देखें कि वहां उचित वेंटिलेशन हो। इसके अलावा कोचिंग सेंटर परिसर के भीतर और आसपास की जल निकासी प्रणाली का निरीक्षण करें ताकि जलभराव को रोका जा सके, विशेषकर बेसमेंट को लेकर जल निकासी प्रणाली का गहन निरीक्षण करें।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों पर विशेष ध्यान दें। शैक्षणिक संस्थानों के संचालन से संबंधित सभी नियमों का अनुपालन सत्यापित करें, जिसमें पर्याप्त प्रकाश, वेंटिलेशन और आपातकालीन निकास शामिल हों। जो कोचिंग सेंटर आवश्यक सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें इन खामियों का निवारण करने तक अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि एसडीएम आवश्यक सुधारात्मक उपायों के क्रियान्वयन जांचने के लिए पुनः उन सेंटरों का निरीक्षण करेंगे। जिन मामलों में कोचिंग सेंटर अनुवर्ती निरीक्षणों के बाद भी सुरक्षा और संरचनात्मक मानदंडों का पालन करने में विफल रहते हैं, उनके खिलाफ संबंधित कानूनों और विनियमों के अनुसार उपयुक्त कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी एसडीएम को कोचिंग सेंटरों के निरीक्षणों को लेकर अपने निष्कर्षों पर दो दिन के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रिपोर्ट में उन कोचिंग सेंटरों के विशेष जिक्र को भी को भी कहा है जो निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करते पाया जाता है, तो उल्लंघनकर्ता के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 और अन्य कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सभी एसडीएम को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 60 के तहत कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा।
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