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उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा कि टीबी मुक्त हिमाचल संकल्प को पूरा करने के लिए जिला आयुर्वेद विभाग के साथ संयुक्त रूप से प्रयास करें। उन्होंने जिला आयुर्वेद अधिकारी को भी निर्देश दिए कि अपने पास आने वाले मरीजों की लक्षणों के आधार पर रेफरल की संख्या बढ़ाएं ताकि उनके रोग का निदान कर अधिक से अधिक टीबी मरीजों को इलाज का लाभ मिल सके।उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने जिला पंचायत अधिकारी को भी इस कार्यक्रम से अधिकाधिक पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के माध्यम से जोड़ने के निर्देश दिए ताकि पंचायतों को टीबी मुक्त करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ सकें। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर भी टीबी फोरम की बैठक नियमित तौर पर आयोजित करने के दिशा निर्देश दिए हैं जिसमे ग्राम पंचायतों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।उन्होंने कहा कि हेल्थ वेलनेस केंद्रों पर टीबी चैंपियन तैनात किए जाएंगे, ताकि ग्राम स्तर पर टीबी रोगियों की उचित देखभाल के साथ साथ सुचारू उपचार भी सुनिश्चित किया जा सके।
मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय परिसर में जिला स्तरीय टीबी फोरम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि टीबी रोगियों की पहचान और बेहतर उपचार के लिए निजी मेडिकल प्रेक्टिशनर्स तथा केमिस्ट एसोसिएशन के लोगो के साथ भी एक बैठक करके रेफरल को बढ़ाने के लिए प्रेरित करें ताकि आसानी से टीबी मरीजों के रोग का निदान एवं उपचार सुनिश्चित हो। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी टीबी रोगियों के उपचार के लिए सुचारू व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि टीबी रोगियों को ठीक किया जा सके। उन्होंने कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत रोगी को पूरे उपचार के दौरान प्रतिमाह पांच सौ रुपये का पोषण सहायता प्रदान की जाती है । मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के तहत टीबी मरीजों की जेब का खर्च कम करने के लिए उन्हें निःशुल्क सीटी स्कैन, एमआरआई की सुविधा दी जा रही है। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नागराज सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
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