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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 696.47 करोड़ रुपये की लागत से 11 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। मंगलवार शाम यहां पर्यटन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी 11 परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ली गई हैं। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य में पर्यटक की आमद को बढ़ावा जिनका उद्देश्य राज्य में पर्यटकों की आमद को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख क्षेत्र है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हजारों परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करता है। इसलिए राज्य में समग्र पर्यटन अनुभव को बढ़ाना और नए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 161.91 करोड़ रुपये की लागत से कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, पालमपुर और नगरोटा बगवां में सौंदर्यकरण कार्य 95.50 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, नादौन में वेलनेस सेंटर में निर्माण पर 91.42 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। हमीरपुर जिले के बाबा बालकनाथ जी दियोटसिद्ध में पर्यटकों की सुविधा के लिए 65.32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नादौन में 64 करोड़ रुपये की लागत से राफ्टिंग कॉम्पलेक्स का विकास, शिमला जिले के बनूटी में 58.37 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर का निर्माण, मनाली में 45.25 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर, धर्मशाला में 39.51 करोड़ रुपये की लागत से आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण, शिमला में 34.85 करोड़ रुपये की लागत से आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का विकास, कुल्लू में 27.76 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर का विकास तथा कुल्लू जिले में नग्गर कैसल के जीर्णोद्धार पर 11.57 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं में तेजी लाने तथा निर्धारित समयावधि में कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पौंग डैम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘बर्डज पैराडाइस’ के रूप में विकसित किया जाएगा तथा यह जल क्रीड़ाओं के दृष्टिगत भी उत्कृष्टता का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, इससे क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने में प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया है तथा यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक पर्यटन अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा इस वर्ष जुलाई, 2024 तक राज्य में 1.13 करोड़ पर्यटक भ्रमण के लिए आ चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली, मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन मानसी सहाय ठाकुर, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख क्षेत्र है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हजारों परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करता है। इसलिए राज्य में समग्र पर्यटन अनुभव को बढ़ाना और नए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 161.91 करोड़ रुपये की लागत से कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, पालमपुर और नगरोटा बगवां में सौंदर्यकरण कार्य 95.50 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, नादौन में वेलनेस सेंटर में निर्माण पर 91.42 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। हमीरपुर जिले के बाबा बालकनाथ जी दियोटसिद्ध में पर्यटकों की सुविधा के लिए 65.32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नादौन में 64 करोड़ रुपये की लागत से राफ्टिंग कॉम्पलेक्स का विकास, शिमला जिले के बनूटी में 58.37 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर का निर्माण, मनाली में 45.25 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर, धर्मशाला में 39.51 करोड़ रुपये की लागत से आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण, शिमला में 34.85 करोड़ रुपये की लागत से आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का विकास, कुल्लू में 27.76 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर का विकास तथा कुल्लू जिले में नग्गर कैसल के जीर्णोद्धार पर 11.57 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं में तेजी लाने तथा निर्धारित समयावधि में कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पौंग डैम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘बर्डज पैराडाइस’ के रूप में विकसित किया जाएगा तथा यह जल क्रीड़ाओं के दृष्टिगत भी उत्कृष्टता का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, इससे क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने में प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया है तथा यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक पर्यटन अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा इस वर्ष जुलाई, 2024 तक राज्य में 1.13 करोड़ पर्यटक भ्रमण के लिए आ चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली, मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन मानसी सहाय ठाकुर, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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