राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज नई दिल्ली में दिव्य प्रेम सेवा मिशन की पुस्तक ‘महाकुंभ – भारतीय संस्कृति की अजस्त्र चेतना’ का विमोचन किया। यह पुस्तक प्रयागराज में आयोजित कुंभ के दौरान दिए गए प्रवचनों का संग्रह है। पुस्तक का संपादन हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के समन्वयक संजय चतुर्वेदी ने किया है और प्रभात प्रकाशन द्वारा इसे प्रकाशित किया गया है। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि भारत संतों की भूमि है और कुंभ हमारी समृद्ध संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि कुंभ में न केवल आध्यात्मिक गुरुओं की मौजूदगी होती है, बल्कि इसमें विद्वानों और संतों का समागम भी होता है। यह सभी आध्यात्मिकता, धर्म, योग, आयुर्वेद, वैदिक ज्योतिष, गणित और संबंधित विषयों पर सार्थक चर्चा और शास्त्रार्थ करते हैं। उन्होंने कहा कि यह चर्चाएं और शास्त्रार्थ न केवल हमारे वैदिक ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होते हैं, बल्कि दुनिया भर के विद्वानों का ध्यान भी आकर्षित करते हैं।
उन्होंने सभी से पवित्र कुंभ में जाने का आह्वान किया जिससे न केवल मनुष्य के भीतर का विवेक जागृत होता है बल्कि जीवन जीने के लिए एक नई दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से जुड़ी सभी तरह की विचारधाराओं के विद्वान इस पवित्र आयोजन में शामिल होते हैं जोकि हमारी विविधता में एकता का अद्भुत प्रतीक है।
वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक राम बहादुर राय ने कार्यक्रम के दौरान कुंभ के संदर्भ में अपने विचार रखे और सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भावी पीढ़ियों के लिए इसके संरक्षण पर बल दिया।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने मिशन की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और पुस्तक की विषयवस्तु और इसके उद्देश्यों के बारे में बताया। मिशन के सदस्य व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य लोग इस मौके पर उपस्थित थे।
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