आयुष्मान भारत स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम को व्यवहारिक बनाने में कार्य करें विभाग – उपायुक्त

Read Time:5 Minute, 7 Second

आयुष्मान भारत स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आज यहाँ उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमे कार्यक्रम की समीक्षा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि स्कूलों में कार्यक्रम के तहत गतिविधियों को बढ़ाया जाए। इसके अलावा, समायोजित तरीके से विभिन्न कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए है। स्कूलों में बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए तेजी लाए। वहीं स्कूली छात्राओं को महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को प्राथमिकता में रखे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को व्यावहारिक बनाने में हर विभाग सक्रियता से कार्य करे। 
उन्होंने कहा कि शिमला जिला के 688 सरकारी स्कूलों को इस कार्यक्रम के तहत सम्मिलित किया गया है। इनमें कुल 1376 शिक्षकों में से 1153 शिक्षकों को कार्यक्रम के आधीन प्रशिक्षित किया जा चुका है। अप्रैल माह से अभी तक 13 हजार 760 सेशन का लक्ष्य रखा गए था। इनमें से 1956 सेशन हो पाए है, जिसमें 50 हजार 296 लाभान्वित हुए।

11 बिंदुओं पर केंद्रित कार्यक्रम 
स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान से चलाया जा रहा है। आयुष्मान भारत के तहत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 11 बिंदुओं पर अभियान का विशेष फोकस रहेगा। इसमें स्वस्थ रूप से बढ़ना, स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, भावानात्मक कल्याण एवं मानसिक स्वास्थ्य, पारस्पिरिक रिश्तें, नागरिक के मूल्य एवं जिम्मेदारियां, लिंग समानता, पोषण स्वास्थ्य और स्वच्छता, नशा निषेध, प्रजनन एंव एचआईवी से रोकथाम, चोट एवं हिंसा के खिलाफ सुरक्षा और इंटरनेट, मीडिया व गेजेट का सुरक्षित इस्तेमाल शामिल किया गया है। 

स्कूलों में स्वास्थ्य और कल्याण दूत
इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय में दो शिक्षकों, अधिमानतः एक पुरुष और एक महिला, को “स्वास्थ्य और कल्याण दूत“ के रूप में नामित किया गया है, जिन्हें हर सप्ताह एक घंटे के लिए स्कूल में बच्चों को आयुषमान भारत स्कूल स्वास्थ्य एंव कल्याण कार्यक्रम के तहत निर्धारित कार्य बिंदुओं के लिए प्रशिक्षण देना अनिवार्य है। वास्तव में इस कार्यक्रम के तहत निर्धारित स्वास्थ्य संवर्धन संदेशों का स्कूलों और समाज में स्वास्थ्य प्रथाओं को बेहतर बनाने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि छात्र समाज में स्वास्थ्य और कल्याण दूत के रूप में कार्य करेंगे। जिला स्तर पर जिलाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, किशोर स्वास्थ्य परामर्शदाता, उप निदेशक प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा, डाइट समन्वयक, जिला समन्वयक, जिला आईसीडीएस प्रोग्राम मैनेजर और ममता कार्यक्रम के  जिला समन्वयक को सदस्य बनाया गया है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अभिषेक वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राकेश प्रताप, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल, सहायक निदेशक प्रारंभिक शिक्षा सुनीता कुमारी, प्रधानाचार्य डाइट जय देव नेगी तथा अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।  

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post हमीरपुर के सभी उपमंडलों और कालेजों में होगी मॉक ड्रिल
Next post “राज्य मंत्रिमंडल ने जल विद्युत परियोजनाओं, शिक्षा सुधारों और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को दी मंजूरी-हिमाचल कैबिनेट
error: Content is protected !!