Himachal: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के 372 साल पुराने इतिहास में पहली बार आएंगे प्रधानमंत्री। कुल्लू दशहरा उत्सव के 372 साल के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। दशहरा उत्सव का आयोजन 1650 से किया जा रहा है। दशहरा में पीएम मोदी भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा के दर्शन करने के साथ सैकड़ों देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लेंगे।इस बार दशहरा उत्सव समिति ने 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा है। कुल्लू दशहरा न केवल देव संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां देशभर से सैकड़ों कारोबारी व्यापार करने के लिए पहुंचते है। दशहरा का देश-विदेश के शोधकर्ताओं को खासा इंतजार रहता है। प्रधानमंत्री मोदी के दशहरा में आने से कुल्लू दशहरा का स्तर देश के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा। बताया जा रहा है कि कुल्लू दशहरा में प्रधानमंत्री भगवान रघुनाथ की अलौकिक रथयात्रा और देव व मानस मिलन का गवाह बनेंगे। कुछ समय रुकने के बाद वह दिल्ली लौट जाएंगे। जिला देवी-देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोतराम ठाकुर ने कहा कि देव समाज में खुशी का माहौल है। कारदार संघ चाहेगा कि पीएम का स्वागत देवी-देवताओं के वाद्ययंत्रों के साथ हो। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि पीएमओ से प्रधानमंत्री के कुल्लू आने की हरी झंडी मिल गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान रघुनाथ के दर्शन करने कुल्लू आ रहे हैं। इसे बड़ी गर्व की बात क्या हो सकती है। दशहरा में पीएम भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा के गवाह बनेंगे। पीएम ने इसकी इच्छा पहले भी कई बार जताई है।
– महेश्वर सिंह, मुख्य छड़ीबरदार भगवान रघुनाथ
बिजली महादेव का आशीर्वाद भी ले सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल्लू दशहरा उत्सव के पहले दिन रथयात्रा में शामिल होंगे। ऐसे में वह अधिष्ठाता बिजली महादेव का आशीर्वाद भी ले सकते हैं। घाटी के आराध्य देवता बिजली महादेव के दर्शनों के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। पीएम मोदी भी बिजली महादेव के भक्त हैं। पीएम जब भी हिमाचल आते हैं तो बिजली महादेव का नाम लेना नहीं भूलते। मोदी 1998 में प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। उस दौरान वह बिजली महादेव के दर्शन करने गए थे। वहीं, ढालपुर में 16 सितंबर के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला प्रशासन को बिजली महादेव में हेलिकाप्टर की लैंडिंग के लिए साइट देखने को कहा था। दो सप्ताह पहले पूर्व सांसद महेश्वर सिंह भी बिजली महादेव गए थे। उन्होंने भी स्थानीय लोगों से पीएम के मंदिर आने पर स्वागत की बात कही थी। कुल्लू दशहरा उत्सव के पहले दिन रथयात्रा होती है। बिजली महादेव अपने लाव-लश्कर के साथ दशहरा से एक दिन पहले पहुंच जाते हैं। सुल्तानपुर से भगवान रघुनाथ के साथ बिजली महादेव ढालपुर पहुंचते हैं। भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर से महज 50 मीटर दूरी पर बिजली महादेव अपने अस्थायी शिविर में विराजमान होते हैं। सात दिन तक देवता अस्थायी शिविर में रहते हैं।
Krishan Singh http://dhunt.in/CgL29?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “अमर उजाला”
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