ऊना, 8 अक्तूबर. औद्योगिक विकास किसी भी राज्य की प्रगति और समृद्धि का मूल स्तंभ होता है, जो न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करता है, बल्कि जनजीवन में व्यापक सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त करता है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन बल्क ड्रग पार्क परियोजना इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है। 1405 एकड़ क्षेत्र में लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली वाली इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयां देना और फार्मास्यूटिकल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। हिमाचल सरकार ने इसमें 1000 हजार करोड़ के पूंजी निवेश के साथ इसके संचालन का जिम्मा भी स्वयं लिया है। सरकार का प्रयास है कि इस परियोजना के जरिए हिमाचल के औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा दी जाए, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान बताते हैं कि बल्क ड्रग पार्क परियोजना का मुख्य उद्देश्य दवाओं के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री, जिसे एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) कहा जाता है, की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश को फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के कुशल नेतृत्व में इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
वे बताते हैं के प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति परियोजना के तहत बुनियादी ढांचे का विकास तीव्र गति से करने के पलिए प्रतिबद्धता से जुटे हैं। इससे राज्य को एपीआई के आयात पर निर्भरता समाप्त करने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, भारत की फार्मास्यूटिकल आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ होगी और दवाओं की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में आपूर्ति में भी सुधार आएगा।
औद्योगिक विकास में क्रांतिकारी कदम
उल्लखेनीय है कि हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जून महीने में अपने हरोली दौरे में बल्क ड्रग पार्क परियोजना से जुड़े 150 करोड़ रुपये की लागत वाले चार बड़े विकास कार्यों की आधारशिला रखी थी। इनमें प्रशासनिक भवन, जल परियोजनाएं, और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने पन्जुआना से कुठेड़ बीट तक 42.04 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संपर्क मार्ग, 73.84 करोड़ रुपये से निर्मित प्रशासनिक और आवासीय ब्लॉक, और पोलियां गांव में 14.44 करोड़ रुपये की लागत से 10 एमवीए बिजली आपूर्ति जैसी प्रमुख परियोजनाओं के शिलान्यास किए थे। इसके अलावा, टाहलीवाल में 15.83 करोड़ रुपये की लागत से 220/132 केवी सब-स्टेशन की स्थापना की जाएगी।
वहीं, मुख्यमंत्री ने जैजों से पोलियां तक 5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की भी घोषणा की है, जिसकी लागत 3,400 करोड़ रुपये होगी। इसका उद्देश्य बल्क ड्रग पार्क को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़कर औद्योगिक सामग्रियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना है, जिससे स्थानीय उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल सरकार ने विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी शुरू की हैं, जिनमें 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर भूमि और सस्ती दरों पर बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण
बल्क ड्रग पार्क परियोजना से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर उत्पन्न होंगे। अनुमान के अनुसार, परियोजना के पूरा होने पर 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें इस विशाल उद्योग में काम करने योग्य बनाया जाएगा। इससे स्थानीय निवासियों की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा, जो उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाएगा।
गदगद जनता बोली…जीवन में व्यापक बदलाव की गारंटी
बल्क ड्रग पार्क परियोजना की आमद से उत्साहित ऊना और हरोली की जनता इसे अपने जीवन में व्यापक बदलाव की गारंटी मानती है। वे इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री व हरोली के विधायक मुकेश अग्निहोत्री का आभार जताते नहीं थकते। पोलियां बीत के निवासी दिदार सिंह के अनुसार, यह परियोजना उनके छोटे से गांव को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगी। उनका मानना है कि यह उद्योग न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि भी लेकर आएगा। पोलियां टिब्बियां के निवासी संत रतन प्रकाश का कहना है कि बल्क ड्रग पार्क के स्थापित होने से हरोली विधानसभा क्षेत्र में विकास को नए आयाम मिलेंगे। बेरोजगार युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में स्थायित्व आएगा। साथ ही, क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार होगा, जिससे पानी, बिजली, और सड़क नेटवर्क जैसी सेवाओं का लाभ सीधा जनता तक पहुंचेगा।
लाल सिंह, जो पोलियां माजरा के निवासी हैं, का मानना है कि बल्क ड्रग परियोजना के निर्माण से न केवल औद्योगिक विकास होगा, बल्कि स्थानीय भूमि की कीमतों में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के चलते पोलियां बीत और आसपास के इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे आने वाले समय में यह क्षेत्र एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा। इसके साथ ही, स्थानीय व्यापार और कारोबार में भी वृद्धि होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आत्मनिर्भर हिमाचल को बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के आत्मनिर्भर हिमाचल के आह्वान को बल्क ड्रग पार्क परियोजना ठोस दिशा दे रही है। यह परियोजना राज्य के औद्योगिक विकास का एक नया अध्याय लिखेगी, जिससे न केवल हरोली विधानसभा क्षेत्र, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश और देश को आर्थिक विकास, औद्योगिक आत्मनिर्भरता, और रोजगार के असीमित अवसर प्राप्त होंगे। ऊना के उपायुक्त जतिन लाल के अनुसार, बल्क ड्रग पार्क परियोजना को समयबद्ध पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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