तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बंगलुरू के एनटीटीएफ के सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा कर संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों के लिए तैयार करने के लिए मार्केट की डिमांड के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
युवाओं को इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्टिफिसियल इंटेलिजंस और डाटा र्साइंस आधारित डिप्लोमा कोर्स करवाए जा रहे हैं। तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को स्वावलम्बी बनने का अवसर उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने एनटीटीएफ के प्रबन्ध निदेशक बी.वी. सुदर्शन से ऑटोमेशन, कनैक्शन, कलॉउड कम्पयूटिंग जैसे पाठ्यक्रमों के बारे मंे गहनता से विचार-विमर्श किया। इसके उपरांत उन्होंने कर्नाटक एन्टीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेेड के टेक्निकल एडवाइजर के.एल झाला के साथ फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में फार्मा के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण और उनके कौशल संवर्धन की दिशा में संयुक्त प्रयास करने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को देश का फार्मा हब बनाने की दिशा में कार्य कर रही है और इससे फार्मेसी के बच्चों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बंगलूरू में धर्मगुरू श्री श्री रविशंकर से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने धर्मगुरू के साथ युवा शक्ति को नशे से बचाने की आवश्यकता के बारे में विचार विमर्श किया। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग को हिमाचल में युवाओं को नशे की दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह भी किया। उन्होंने धर्मगुरू को बताया कि हिमाचल मंे नशे के विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स नीति को अपनाया जा रहा है और नशे के तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संचालित आईटीआई केंद्रों का भी दौरा किया।
प्रदेश व कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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