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जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सुमन ने बताया कि आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’, लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है क्योंकि अधिक से अधिक नागरिक इस पहल से जुड़ रहे हैं। आज तक, इस अभियान में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें कुल 65 स्वयंसेवक जिला चंबा में इसके प्रचार-प्रसार के प्रयासों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।
इस अभियान का उद्देश्य व्यक्तियों को उनकी अद्वितीय आयुर्वेदिक प्रकृति (मन-शरीर की संरचना) को समझने में सक्षम बनाना है, जिसके अंतर्गत 9000 प्रतिभागी पहले ही अपनी प्रकृति परीक्षण (मूल्यांकन) पूरा कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 807 नागरिकों ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लिया है, जो इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन की एक आशाजनक शुरुआत है।
जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सुमन ने इस पहल के बढ़ते प्रभाव पर अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, कि हमें अब तक जो प्रतिक्रिया मिली है, वह हमारे दैनिक जीवन में आयुर्वेद के प्रति बढ़ती जागरूकता और स्वीकृति का प्रमाण है। प्रकृति परीक्षण में भाग लेने वाला और व्यक्तिगत स्वास्थ्य दृष्टिकोण अपनाने वाला प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है।
‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ का उद्देश्य नागरिकों को उनकी प्रकृति के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना है, जिससे बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा। जिसमें प्रकृति प्रमाणपत्रों का सबसे बड़ा ऑनलाइन फोटो एलबम और स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे ज़्यादा प्रतिज्ञाएँ शामिल हैं, जो इसके प्रभाव को और बढ़ाएँगे।
ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आयुर्वेद प्रत्येक नागरिक की स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की यात्रा का अभिन्न अंग बन जाए।
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