Jinping की ताजपोशी पर लगा ग्रहण, चीन में भारी प्रदर्शन- 14 लाख अरेस्ट।चीन के आम नागिरकों की राय देखा जाय तो अब अपने नेता शी जिनपिंह से उब चुके हैं। वो अब उनकी मनमानियों को और ज्यादा नहीं झेलना चाहते।चीन में शी जिनपिंग (China 20th Party Congress Beijing Protest) के खिलाफ इस वक्त जमकर प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं। चीनी जनता को अब ऐसे नेता की जरूरत है जो उनकी बातों को सुने और देश हित में फैसले ले। दुनिया के साथ दोस्ताना रिश्ता बनाकर चले न कि उलझकर चले। शी जिनपिंग जनता के मन पर खरे नहीं उतर सके हैं। ऊपर से जीरो कोविड पॉलिसी ने तो शी को लोगों के मन से एकदम उतार दिया। हालांकि, इन सबके बाद भी शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपेशी के लिए तैयार बैठे हैं। राजधानी बीजिंग में 16 अक्टूबर को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जमा होंगे और शी जिनपिंग को तीसरी बार देश की कमान सौंप सकते हैं। लेकिन, 5 साल बाद होने वाले इस अहम बैठक से पहले चीन में जमकर प्रदर्शन (China 20th Party Congress Beijing Protest) हो रहा है। शी के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरने लगी है। शी जिनपिंग कितना डरे हुए इसका अंदाजा इसी से लगा लें कि चीन में 14 लाख लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही बीजिंग को किले में तब्दिल कर दिया गया है। प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा बेहद ही टाइट कर दिया गया है।
शी जिनपिंग के खिलाफ चीन में प्रदर्शन शुरू
शी जिनपिंग की जीरो कोविड नीति से बुरी तरह से परेशान हो चुकी जनता ने बीजिंग के कई इलाकों में पोस्टर-बैनर लगाकर चीन के राष्ट्रपति को तानाशाह बता दिया। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोरोना टेस्ट नहीं बल्कि खाना चाहिए। सोशल मीडिया पर कई सारे वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो बीजिंग के हैदिआन जिले की बताई जा रही हैं। कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं पार्टी कांग्रेस से ठीक पहले इन प्रदर्शनों से चीन की पोल खुल गई है। चीन ने पार्टी कांग्रेस की इस बैठक से ठीक पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम बीजिंग में किए हैं और हर तरफ निगरानी की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने अपने पोस्टर में लिखा है, ‘कोरोना जांच नहीं हम भोजन चाहते हैं’ और ‘सांस्कृतिक क्रांति नहीं, सुधार चाहते हैं।’ एक बैनर में तो यहां तक लिखा है कि शी जिनपिंग तानाशाह हैं और लोगों से हड़ताल करने की अपील भी की गई है।
चीन ने अपराधी बताकर किया 14 लाख लोगों को अरेस्ट
बीजिंग के झोनग्गुआकून/विश्वविद्यालय इलाके में भी प्रदर्शन हो रहा है। यहां पर भी पोस्टर देखने को मिला। चीन ने पार्टी कांग्रेस की बैठक से पहले राजधानी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये हैं। ऐसे में इस तरह के प्रदर्शन को असाधारण बताया जा रहा है। इस अहम बैठक के ठीक पहले चीन की सुरक्षा एजेंसियों ने 14 लाख लोगों को अपराधी बताकर उन्हें अरेस्ट कर लिया है। इसके लिए 100 दिन का अभियान गत जून महीने से ही शुरू कर दिया गया था। इशके बाद भी चीन में इस तरह का प्रदर्शन होना बताता है कि जनता आए दिन लगने वाले कोरोना लॉकडाउन से कितना परेशान है।
किले में बदला बीजिंग
शी जिनपिंग जनता की प्रोटेस्ट से डरे हुए हैं, उन्हें डर है कि यह प्रदर्शन और भी ज्यादा बढ़ सकता है जिसका सीधा असर उनकी पार्टी पर पड़ेगा। इसलिए इस बैठक से ठीक पहले बीजिंग को एक किले में बदल दिया गया है। शी जिनपिंग चीन के संस्थापक माओ के बाद दूसरे ऐसे नेता हैं जिन्हें तीसरी बार राष्ट्रपति बनाया जा रहा है। चीन का दावा है कि उसने 14 लाख अपराधियों को अरेस्ट किया है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के खिलाफ जासूसी को बहुत बढ़ा दिया गया है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीजिंग आने वाले हर व्यक्ति की व्यापक जांच की जा रही है। चीन ने किसी भी विरोध की स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है।
प्रदर्शन का सता रहा डर
शी जिनपिंग को बीजिंग में विरोध प्रदर्शन का डर इसलिए सता रहा है क्योंकि, यहां पर बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक रहते हैं। इसी वजह से संवेदनशील इलाकों जैसे ग्रेट हाल ऑफ द पीपुल, तिआनमेन चौक, जिग्शी होटल के आसपास में सुरक्षा व्यवस्था को बहुत कड़ा कर दिया गया है। इसी के पास में पार्टी कांग्रेस की बैठक होनी है। यही नहीं जो लोग ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं, उन्हें कहा जा रहा है कि जिन लिक्विड चीजों को लेकर वे यात्रा कर रहे हैं, उन्हें वे सुरक्षाकर्मियों के सामने पीएं। एक गार्ड ने कहा कि पार्टी कांग्रेस की बैठक को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है। पूरे बीजिंग में 24 घंटे निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
http://dhunt.in/DnSc3?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “इंडिया नैरेटिव ”
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