चीन को लगेगा एक लाख करोड़ का झटका, दिल्ली के व्यापारियों ने की ये तैयारी। हर बार दीपवाली का त्योहार आते ही मेड इन चाइना प्रोडक्ट को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। कई संगठन चीन के बने उत्पाद खासकर झालर, पटाखे, सजावटी सामान, दिया और अन्य इलेक्ट्रॉनिक समानों के बहिष्कार का आवाह्न भी करते हैं।लेकिन दिल्ली के सबसे बड़े व्यापारी संगठन सीटीआई ने चीनी सामान को प्रोत्साहन नहीं देने का फैसला लिया है।
स्वदेशी सामान ही खरीदने और बेचने की अपील
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल के मुताबिक चीन की गलवान घाटी में की गई हरकत और कोरोना के प्रसार के बाद वहां के बने प्रोडक्ट में लोगों का रुझान खत्म हो गया। नहीं तो अब तक बिजली वाले झालर, पटाखे, मूर्तियां और दीए तक चीन से लाकर भारत के बाजारों में बेचे जा रहे थे। लेकिन हमने इस बार दिल्ली के 100 से अधिक बाजारों के एसोसिएशन से बात की और चीन के बने सामान को कम से कम बेचने का निवदेन किया। जिसके बाद इस साल हमें उम्मीद है कि नवरात्रि से लेकर दीपावली तक में दिल्ली के चीन की जगह स्वदेशी उत्पादों की बिक्री 1 लाख करोड़ तक पहुंच जायेगी।
दिल्ली के बाजार में है इन उत्पादों की धूम
इस बार भारत में बने सामान खास तौर से घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले लड़ी, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की अच्छी खासी डिमांड है।वहीं दिल्ली के मशहूर भागीरथ प्लेस मार्केट में भी भारत निर्मित लड़ियों, झालर, लाइटिंग का सामान आदि में भी भारतीय सामानों की जबरदस्त बिक्री हो रही है और चीन में हो रहे लाॅकडाउन का कोई असर नहीं है क्योंकि पिछले सालों की तुलना में चीनी उत्पादों की मांग काफी कम हो गई है।
सर्राफा बाजार में भी लौटी रौनक
कोरोना महामारी में लोगों ने आर्थिक मुश्किलों का सामना किया। उसके बाद का ये सबसे बड़ा त्योहार हैं जहां सर्राफा कारोबारियों को भी काफी उम्मीदें हैं। शुभ का प्रतीक होने के साथ ही निवेश की दृष्टि से लोग सोने चांदी की खरीददारी कर रहे हैं। इस बार सोने चांदी के सिक्कों के साथ सोने और चांदी के बने राम दरबार की भी काफी डिमांड है। करोल बाग के बड़े सर्राफा कारोबारी और पीपी ज्वेलर्स के मालिक पवन गुप्ता का कहना है कि दो चीजें बहुत अहम हैं। पहला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां जिसकी वजह से भारत तमाम विषमताओं को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। जिसकी वजह से मार्केट में तेजी आई, दूसरा पिछले एक डेढ़ साल से सोने की कीमतें स्थिर हैं जिसकी वजह से इस बार दिल्ली में पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा बिक्री की उम्मीद है।
http://dhunt.in/DVXTn?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “TimesNowनवभारत”
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