भारतीय सेना ने 76वां इन्फैंट्री दिवस मनाया

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भारतीय सेना की सबसे बड़ी लड़ाकू शाखा इन्फैंट्री के योगदान को मान्यता देने के लिए हर वर्ष 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का राष्ट्र के लिए एक विशेष महत्व है क्योंकि वर्ष 1947 के इसी दिन भारतीय सेना के इन्फैंट्री सैनिकों (पैदल सैनिकों) का पहला सैन्यदस्ता श्रीनगर के हवाई अड्डे पर उतरा था, जिसके कार्यों ने आक्रमणकारियों को श्रीनगर के बाहरी इलाके से वापस खदेड़ दिया था और पाकिस्तान द्वारा समर्थित कबायली आक्रमण से जम्मू और कश्मीर राज्य की रक्षा की थी।

 

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वर्ष 2022 के इन्फैंट्री दिवस समारोह के हिस्से के रूप में राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले इन्फैंट्री के नायकों को सम्मान प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आज एक ‘पुष्पांजलि’ समारोह का आयोजन किया गया। सेना प्रमुख जनरल अनिल चौहान,  उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू और विभिन्न रेजिमेंट के कर्नलों ने इस अवसर पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। सेना के पदकों से सम्मानित तीन दिग्गज – लेफ्टिनेंट कर्नल राम सिंह सहारन कीर्ति चक्र (सेवानिवृत्त), सूबेदार मेजर मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव परम वीर चक्र (सेवानिवृत्त) और सिपाही सरदार सिंह वीर चक्र (सेवानिवृत्त) ने भी इन्फैंट्री के दिग्गजों की ओर से माल्यार्पण किया।

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आजादी का अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में श्रीनगर के हवाई अड्डे पर सैन्य दल उतरने के 76वें वर्ष के उपलक्ष्य में उधमपुर (जम्मू और कश्मीर), अहमदाबाद (गुजरात), वेलिंगटन (तमिलनाडु) और शिलांग (मेगालय) से चार प्रमुख दिशाओं में यात्रा शुरू करने वाली बाइक रैलियों को सेना प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन बाइक सवारों ने इन्फैंट्री के जवानों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अपने मार्ग में वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेटों और छात्रों के साथ बातचीत करते हुए 10 दिनों में कुल मिलाकर 8000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की।

इन्फैंट्री के सभी सैनिकों के लिए दिए गए अपने संदेश में इन्फैंट्री के महानिदेशक ने सैनिकों को बहादुरी, बलिदान, कर्तव्य और व्यावसायिकता के प्रति निस्वार्थ समर्पण के मूल मूल्य के लिए अपने आप को फिर से समर्पित करने और राष्ट्र की एकता तथा संप्रभुता की रक्षा करने के अपने संकल्प में अजय बने रहने का आह्वान किया।

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