‘पंडित नेहरू के भाषण की गूंज सदन में हमेशा रहेगी…’ जानें पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें। आज से केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र की शुरुआत हुई. देश के दोनों सदनों में संसद के 75 साल की यात्रा पर चर्चा की गई. लोकसभा की कार्यवाही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से शुरू हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन से जुड़ी यादों का जिक्र किया.
साथ ही पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की. संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने भारत के चंद्रयान -3 मिशन, देश में अन्य हालिया विकासों के बीच जी20 की अध्यक्षता की “अभूतपूर्व” सफलता पर भी प्रकाश डाला. आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन में आखिरी संबोधन में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मिडनाइट स्पीच को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में पंडित नेहरू के भाषण की गूंज हम सभी को प्रेरित करती रहेगी. इसके अलावा पीएम मोदी ने दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जी के ऐतिहासिक बयान का भी जिक्र किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने शहीद भगत सिंह को भी याद किया.अपने पुराने दिनों को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जब मैं पहली बार सांसद के तौर पर इस भवन में आया तो सफल रूप से मैंने इस संसद भवन की पटल पर अपना सिर झुकाकर आया था. इस लोकतंत्र के मंदिर में श्रद्धाभाव से मैंने कदम रखा था. भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेल प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब संसद पहुंच गया. मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मुझे इतना सम्मान देगा.मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश के सभी वैज्ञानिक को बधाई दी. साथ ही उन्होंने जी20 की सफलता पर भी देश को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि जी20 की सफलता किसी एक व्यक्ति और पार्टी की नहीं है. बल्कि पूरे भारत देश का है.वहीं अपने संबोधन में संसद में हुए हमले की घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा किजब आतंकी(संसद भवन पर) हमला हुआ यह आतंकी हमला किसी इमारत पर नहीं बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की जननी, हमारी जीवित आत्मा पर हमला था. उस घटना को देश कभी नहीं भूल सकता. मैं उन लोगों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए संसद और उसके सभी सदस्यों की रक्षा के लिए अपने सीने पर गोलियां खाईं.अपने संबोधन के आखिरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम नई संसद में नए विश्वास के साथ जाएंगे. मै इस धरती को इस सदन को प्रणाम करता हूं. पिछले 75 साल में भारत के लोकतंत्र को नया सामर्थ देने वालो को प्रणाम करता हूं.’संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है. हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे. मैं सभी सदस्यों व अन्य के द्वारा दिए गए अपने योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं.पीएम मोदी ने कहा, ‘इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं उन्होंने हमें संविधान दिया. हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है.’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सदन से विदाई लेना बहुत भावुक पल है. हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है. हमारा मन-मस्तिष्क में अनेक यादें हैं. सदन में कुछ खट्टे-मीठे अनुभव हुए. नोक-झोंक भी रही. हम सबकी साझी स्मृतियां हैं. इसका गौरव भी हम सबका साझा है.’पुराने संसद भवन में अपनी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दशकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ. अनुच्छेद 370 भी इसी सदन में हुआ. वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन में हुआ.’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जैसे ही हम इस संसद भवन से बाहर निकल रहे हैं, मैं उन पत्रकार मित्रों को याद करना चाहता हूं जिन्होंने अपना जीवन संसद पर रिपोर्टिंग करते हुए बिताया. उन्होंने यहां से जानकारी देश तक पहुंचाई, तब भी जब कोई तकनीक उपलब्ध नहीं थी.’
By News18
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