स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22

Read Time:7 Minute, 23 Second

शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विद्यालयों को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) 2021-22 प्रदान किया। इस कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह मुख्य अतिथि थे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001VSMB.jpg

इस पुरस्कार के तीसरे संस्करण यानी एसवीपी 2021-22 में अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई और इसमें पंजीकृत 9.59 लाख विद्यालयों ने हिस्सा लिया। यह संख्या एसवीपी 2017-18 में हिस्सा लेने वाले विद्यालयों (6.15 लाख विद्यालय) की संख्या से लगभग 1.5 गुना अधिक है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002JX8E.jpg

एसवीपी 2021-22 के लिए 9.59 लाख में से 8.23 लाख से अधिक विद्यालयों ने अपने आवेदन जमा किए। इसके बाद जिला और राज्य स्तर पर 4,27,718 योग्य विद्यालयों की मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की गई। राज्य/केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर इनमें से 606 विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के योग्य पाया गया। राष्ट्रीय चयन समिति ने एसवीपी 2021-22 के संबंध में विद्यालयों के चयन के लिए 10 अक्टूबर, 2022 को अपनी एक बैठक की। इसमें यूनिसेफ साझेदार एजेंसी (निर्माण) की ओर से तीसरे पक्ष के मूल्यांकन के बाद एसवीपी 2021-2022 को लेकर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के लिए 39 विद्यालयों (समग्र श्रेणी में 34 और उप-श्रेणियों में 5) का चयन किया गया।

इन चयनित 39 विद्यालयों में से 21 विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों से और 18 विद्यालय शहरी क्षेत्रों से हैं। इसके अलावा इनमें से 28 विद्यालय सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त हैं, जबकि 11 निजी विद्यालय हैं। इन पुरस्कृत विद्यालयों में 2 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के साथ एक नवोदय विद्यालय और 3 केंद्रीय विद्यालय भी शामिल हैं। इन 39 विद्यालयों में से 17 प्राथमिक और 22 माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। पुरस्कार विजेता 34 विद्यालयों को 60,000 रुपये (समग्र श्रेणी में) और 20,000 रुपये (उप-श्रेणी में) का नकद पुरस्कार दिया गया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0034JG6.jpg

इस अवसर पर डॉ. सरकार ने जिलों और राज्यों के सभी विद्यालयों को स्वच्छता के क्षेत्र में पुरस्कार विजेता विद्यालयों, जिलों और राज्यों के प्रदर्शन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित विद्यालय स्वच्छता व हाइजीन के मानक और रेटिंग को बनाए रख सकते हैं।

15 अगस्त, 2014 को राष्ट्र के नाम अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश के सभी विद्यालयों में एक वर्ष के भीतर शौचालय होने की घोषणा की थी। इसके अलावा उन्होंने विद्यालयों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय होने पर जोर दिया था, जिससे हमारी बेटियों को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

इसके लिए विभाग ने 2014 में स्वच्छ विद्यालय पहल की शुरुआत की। इस पहल के तहत 15 अगस्त, 2015 तक यानी एक वर्ष की अवधि में 1,90,887 बालिका शौचालयों सहित 2,61,400 विद्यालयों में रिकॉर्ड संख्या में 4,17,796 शौचालयों का निर्माण किया गया। इस शानदार सफलता से उत्साहित होकर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने दीर्घकालिक टिकाऊपन और व्यवहार परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए 2016-17 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की शुरुआत की। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार न केवल उन विद्यालयों को सम्मानित करता है, जिन्होंने जल, स्वच्छता और हाइजीन के क्षेत्र में अनुकरणीय काम किया है, बल्कि यह विद्यालयों को और अधिक सुधार करने के लिए बेंचमार्क और रोडमैप भी प्रदान करता है।

इस पुरस्कार के तहत विद्यालयों का मूल्यांकन छह व्यापक मानकों के आधार पर किया जाता है: (1) जल (2) शौचालय (3) साबुन से हाथ धोना (4) परिचालन व रखरखाव (5) व्यवहार परिवर्तन व क्षमता निर्माण और (6) कोविड-19 (तैयारी व प्रतिक्रिया)। यह पुरस्कार जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किए जाते हैं।

डॉ. सुभाष सरकार ने 12 जनवरी 2022 को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) 2021-22 को सफलतापूर्वक शुरू किया था। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। कोविड महामारी को देखते हुए एक अतिरिक्त मानक- “कोविड-19 की तैयारी और प्रतिक्रिया”- को 2021-22 में स्वच्छ विद्यालय के दिशा-निर्देशों में शामिल किया गया था। इसमें बच्चों के स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा पर इसके निहितार्थों को ध्यान में रखा गया था। इन पुरस्कारों की कार्यप्रणाली यूनिसेफ के परामर्श से विकसित की गई थी। यह पुरस्कारों के लिए कार्यान्वयन और तकनीकी भागीदार था।

राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के ओएसडी श्री संजय कुमार, संयुक्त सचिव श्रीमती प्राची पाण्डेय और संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी भी उपस्थित थीं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post उचित मूल्य की दुकानों की वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अतिरिक्त राजस्व स्रोतों का पता लगाएंगे: सचिव, डीएफपीडी
Next post राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2023 के लिए ग्राम पंचायतों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित, ग्राम पंचायतों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया की प्राप्ति
error: Content is protected !!