NCERT Syllabus: ‘कुछ परंपराओं के बारे में न बताने की गंध…’, CPI ने की एनसीईआरटी में हुए बदलाव के खिलाफ एक्शन की मांग
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, हिंदी और सिविक्स में कुछ बदलाव किए हैं.इसे अब एक राजनीकित मुद्दा बनाया जा रहा है.
तमाम विपक्षी नेताओं ने एनसीईआरटी की किताबों में किए गए इन बदलावों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. अब भाकपा (CPI) के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम (Binoy Viswam) ने भी इसके खिलाफ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan)से एक्शन लेने के लिए कहा है.
बिनॉय विश्वम ने इन एनसीईआरटी की किताबों में किए गए इन बदलाव को एक गंभीर विषय बताया है. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से इन बदलाव में भारतीय इतिहास में कुछ अवधियों के बारे में जानकारी को हटाने और भारतीय विचार की कुछ परंपराओं के बारे में न बताने की गंध आती है. बदली हुई किताबें यह भी संकेत देती हैं कि सरकार हमारे समाज के आलोचनात्मक विश्लेषण को कम करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि गांधी की हत्या को आरएसएस से जोड़ने वाले सभी अंशों को हटा दिया गया. विश्वम ने किताबों से महात्मा गांधी, आरएसएस और नाथूराम गोडसे को लेकर किए गए बदलावों को जवाब मांगा है.
क्य है पूरा मामला
दरअसल, पिछले साल एनसीईआरटी ने बच्चों के भार को कम करने के लिए सभी विषयों के सिलेबस में बदलाव किया था. एनसीईआरटी का कहना था कि इससे बच्चों को जल्दी सिलेबस कवर करने में मदद मिलेगी. हिंदी की किताब से कुछ कविताएं और पैराग्राफ भी हटा दिए गए हैं. मुगल काल के शासकों और उनके इतिहास पर आधारित अध्यायों को थीम्स ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री पार्ट II नामक किताब से हटा दिया गया है. इसके साथ ही महात्मा गांधी और गोडसे से जुड़ी कई बातों को भी हटाया गया है. इसी को लेकर विपक्षी दल बीजेपी को घेरे हुए है।
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