पहलवानों के आंदोलन का आज आठवां दिन है। आंदोलन को लेकर आज बृज भूषण ने पहलवानों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इनका टारगेट मैं नहीं बल्कि मेरी पार्टी बीजेपी है। बृज भूषण ने दावा किया कि यह आंदोलन अब शाहीन बाग की तरह बढ़ रहा है। यहां भी वही ताकतें मौजूद हैं, जो उस आंदोलन में थीं।
बृज भूषण ने कहा कि अगर मेरी पार्टी मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेगी तो मैं देर नहीं करूंगा और अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। मैं कौनसा गलत काम किया है कि मैं इस्तीफा दूं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई और दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। जांच का परिणाम तो आने दो। मुझे तो यह भी नहीं पता कि मेरे ऊपर जिस नाबालिग लड़की ने आरोप लगाए हैं, वह कौन है और मेरे ऊपर क्या आरोप हैं।
पुनिया ने लड़की का इंतजाम करने को कहा- बृज भूषण
बृज भूषण ने कहा कि मेरे खिलाफ चार महीने तक सोच समझने के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है। कमेटी के पास जो लड़कियां गईं और जिनके रिकॉर्ड दर्ज किए गए, उन लड़कियों में नाबालिग लड़की का नाम नहीं है। मैंने एक ऑडियो कमेटी और सरकार को भी दी थी, जिसमें बजरंग पुनिया कह रहे हैं कि एक लड़की का किसी भी तरह इंतजाम करवाओ। इन लोगों ने कई महीने इंतजार किया और अब धरने पर बैठ गए। मेरे खिलाफ कई महीनों से षड़यंत्र रचा जा रहा है।
बृज भूषण ने यह भी कहा कि जो ताकतें किसान आंदोलन और शाहीन बाग में सक्रिय थीं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला करते हैं, वहीं ताकतें पहलवानों के धरने में दिखाई दे रही हैं। मेरा इस्तीफा इनका मकसद नहीं हैं। मैं तो एक बहाना हूं। इनका निशाना बीजेपी है।
उल्लेखनीय है कि बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के कई नामचीन पहलवानों ने बृजभूषण के ऊपर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं। ये पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करते हुए बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
गोंडा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिसमें से एक लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) से संबंधित है। बृजभूषण ने कहा कि कडेट प्रतियोगिता का आयोजन जो भी करे, डब्ल्यूएफआई को इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, ”मैं उनसे (पहलवानों से) अपील करता हूं कि आप कडेट नेशनल, जूनियर नेशनल और अन्य टूर्नामेंटों का आयोजन करें। अगर नहीं, तो डब्ल्यूएफआई को करने दें।”
उल्लेखनीय है कि पहलवानों के प्रदर्शन के कारण खेल मंत्रालय ने सात मई को होने वाले डब्ल्यूएफआई के चुनाव भी रद्द कर दिये हैं और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से एक समिति का गठन करके 45 दिन के अंदर चुनाव आयोजित करने के लिये कहा है। आईओए ने पूर्व शूटर सुमा शिरूर, भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के साथ एक समिति का गठन किया है।
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