चंबा, 12 जुलाई : उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपूर्व देवगन ने आज सभी उपमंडलों के एसडीएम, जल शक्ति, लोक निर्माण और विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंताओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के अधिकारियों के साथ पिछले दिनों भारी बारिश के दौरान हुए नुकसान के तहत मरम्मत
कार्यों की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की।
उपायुक्त ने जल शक्ति, लोक निर्माण और बिजली विभाग सभी अधिकारियों को अपने कार्य क्षेत्र में मरम्मत कार्य को और गति प्रदान करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला में गत दिनों में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों, पेयजल व विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग से युद्धस्तर पर कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं।
उपायुक्त ने बताया कि दोपहर 4 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जल शक्ति विभाग की अवरुद्ध 361 विभिन्न पेयजल और सिंचाई योजनाओं में से 338 पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया गया है जबकि 23 सिंचाई व पेयजल योजनाओं को कार्यशील करने का कार्य प्रगति पर है। पेयजल योजनाओं के बहाल होने से लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित बनाईं गई है।
जिला में भारी बारिश के कारण अवरुद्ध 184 सड़क मार्गो में से 119 सड़कों को यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया है। इसी तरह विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए बंद हुए 674 ट्रांसफार्मरों में से अब तक 574 ट्रांसफार्मरों को कार्यशील कर दिया गया
है । उन्होंने बताया कि चंबा से तीसा सड़क मार्ग यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
अपूर्व देवगन ने बताया कि मणिमहेश डल झील की यात्रा पर निकले 81 श्रद्धालुओं को धन्छो से प्रशासन, पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है जिसमें से 71 श्रद्धालु भरमौर से अपने घर की ओर निकल गए हैं जबकि 10 श्रद्धालु उपमंडल मुख्यालय भरमौर में रुके हुए हैं जो अपने वाहनों द्वारा रास्ता खुलते ही अपने घर के लिए रवाना होंगे।
उपायुक्त ने जिला वासियों से आग्रह किया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के टोल फ्री नम्बर 1077 अथवा दूरभाष नम्बर 01899-226950, 98166-98166 पर सूचित करें । आपदा प्रबन्धन केन्द्र चौबीसों घंटे कार्यशील है।
उन्होंने कहा कि जिला चंबा प्रशासन संकट की इस घड़ी में लोगों के साथ है। लोगों की सुरक्षा करना ही प्रशासन की प्राथमिकता है।
उन्होंने ज़िला वासियों से नदी’-नालों के किनारे ना जाने, अनावश्यक यात्रा करने से बचने, सुरक्षित स्थानों में रहने तथा किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाने का आग्रह किया है।
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