आपदा से गिरे पेड़ों को अतिशीघ्र उठाएगी वन निगम: केहर सिंह खाची

Read Time:5 Minute, 16 Second

नादौन 23 सितंबर। हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने कहा है कि इस माॅनसून सीजन में प्रदेश में आई भीषण आपदा से जगलों और वनभूमि का भी भारी नुक्सान हुआ है। वन निगम ने आपदा से गिरे पेड़ों को अतिशीघ्र उठाने के लिए तत्परता के साथ कार्य करते हुए इसकी प्रक्रिया आरंभ कर दी है। शनिवार को नादौन के विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान केहर सिंह खाची ने बताया कि वन मंडल हमीरपुर में भी वन विभाग ने लगभग 21 हजार पेड़ चिह्नित करके निगम को सौंप दिए हैं। इन्हें उठाने के लिए निगम ने टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर रही है।
खाची ने बताया कि वह निगम के बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा डिवीजन का तीन दिवसीय दौरा करके स्वयं स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जल, जंगल और पर्यटन के रूप में तीन महत्वपूर्ण क्षेत्र चिह्नित किए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वन निगम जंगलों में सूखे और गिरे पेड़ांे के सदुपयोग की दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रही है और कुछ महीनों में ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। खाची ने बताया कि इस अवधि के दौरान निगम के शुद्ध लाभ में उत्साहजनक वृद्धि दर्ज की गई है और आने वाले समय में इसे एक बड़े कमाऊ उपक्रम के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। लगभग 8 महीनों में ही निगम ने करोड़ों का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। इस दौरान बिलासपुर की बिरोजा फैक्टरी और निगम के विभिन्न डिवीजनों की आय में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद प्रदेश के निचले क्षेत्रों में खैर का कटान शुरू करने के लिए भी आवश्यक प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। कई स्थानों पर पेड़ों की मार्किंग भी हो चुकी है। इससे प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा तथा इन क्षेत्रों के लोग लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में आपदा से उत्पन्न परिस्थितियों की चर्चा करते हुए केहर सिंह खाची ने कहा कि राज्य के बुजुर्गों ने भी अपने जीवनकाल में इतनी भयंकर त्रासदी नहीं देखी थी। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिस प्रकार प्रदेश को सशक्त एवं संवेदनशील नेतृत्व प्रदान किया है, उसकी केवल हिमाचल में ही नहीं, बल्कि देश भर में भी बहुत सराहना हो रही है। सीमित साधनांे के बावजूद मुख्यमंत्री ने स्वयं हर जिले में जाकर नुक्सान का जायजा लिया है और प्रभावित लोगों का दुख-दर्द बांटने का भरपूर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी जीवन की सारी पूंजी भी आपदा राहत कोष में दान करके एक मिसाल कायम की है।
खाची ने कहा कि जुलाई में भारी बारिश के कारण ऊपरी क्षेत्रों में सड़कें अवरुद्ध होने से ऐसा लग रहा था कि इस बार बागवानों का सेब बाजार तक नहीं पहुंच पाएगा, लेकिन प्रदेश सरकार ने तत्परता दिखाते हुए सभी सड़कों को रिकाॅर्ड समय में बहाल करवाया और सभी बागवानों का सेब मंडियों तक पहंुचाया। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के हर वर्ग के लिए कई ऐसी योजनाएं आरंभ की हैं, जिसकी सभी सराहना कर रहे हैं। विशेषकर, बेसहारा बच्चों को चिल्ड्रन आॅफ स्टेट का दर्जा देकर मुख्यमंत्री ने देशभर में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
प्रेस वार्ता के दौरान वन अरण्यपाल निशांत मंढोत्रा, डीएफओ राकेश कुमार और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post इच्छुक फर्में/एजेंसियों फोटोकॉपी कार्य हेतू 4 अक्तूबर तक करें आवेदन
Next post क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण पर बल दिया जाएगा: मुख्यमंत्री
error: Content is protected !!