प्रदेश सरकार के सहयोग से बसाल में स्थापित हुआ टफंड ग्लास उद्योग, लगभग 40 लोगों को मिला रोजगार

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ऊना 9 जनवरी – हिमाचल प्रदेश सरकार तथा उद्योग विभाग के सहयोग व मार्गदर्शन से जिला ऊना के तीन युवा उद्यमियों ने गांव बसाल में एक टफंड ग्लास का उद्योग स्थापित किया है। देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस उद्योग में लगभग 40 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 80 प्रतिशत कर्मचारी मूलतः हिमाचलवासी हैं। युवा उद्यमियों में से एक युवक तनवीर ठाकुर ने बताया कि इससे पूर्व वह निजी क्षेत्र में सिविल इंजीनियर के रूप में नौकरी करता था।  फिर उन्हें एक दिन कुछ ऐसा करने का ख्याल आया, जिसकी बदौलत वे कुछ अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर पैदा कर सकें। इसके पश्चात् उन्होंने अपने दो युवा उद्यमी मित्रों राहुल सैनी तथा सुखबिंदर सिंह के साथ मिलकर जिला ऊना के गांव बसाल में टफंड ग्लास की उत्पादन इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया। तनवीर ठाकुर ने बताया कि औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए उद्योग विभाग द्वारा दिए गए 1000 वर्ग मीटर के औद्योगिक प्लॉट पर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें लगभग 7 लाख 50 हजार रुपए की अनुदान राशि दी गई। उन्होंने बताया कि उद्योग में उत्पादन आरंभ हुए अभी केवल 2 महीने हुए हैं तथा इस दौरान उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप बेहतर है।

देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए जिला उद्योग केंद्र ऊना के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान ने बताया कि उद्योग विभाग के औद्योगिक क्षेत्र बसाल में जिला के तीन युवा उद्यमियों द्वारा टफंड ग्लास के उत्पादन की इकाई स्थापित की गई है, जिसमें आधुनिक प्रौद्योगिकी की मशीनरी व उपकरण स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस इकाई की स्थापना के लिए उद्योग विभाग द्वारा लगभग 1000 वर्ग मीटर का औद्योगिक प्लॉट उद्योग विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया गया है, जिसमें उन्हें लगभग साढे सात लाख रुपए की बचत हुई है। इसके अलावा उद्योग विभाग द्वारा देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड को प्रदेश सरकार की ओर से रियायती दरों पर बिजली, इकाई द्वारा सरकार को दिए गए वस्तु एवं सेवा कर के 80 प्रतिशत हिस्से की वापसी के साथ-साथ अन्य प्रोत्साहन भी समय-समय पर प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस इकाई में उत्पादन शुरू हो चुका है तथा यहां पर अति उत्तम गुणवत्ता का टफंड ग्लास निर्मित किया जा रहा है। अंशुल धीमान क्षेत्र ने शिक्षित व रोजगार युवाओं का आह्वान किया है कि वे उद्योग विभाग के माध्यम से अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आएं तथा आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी रोजगार सृजन का माध्यम बनें, जिसके लिए विभाग की ओर से कई प्रकार की योजनाओं के माध्यम से सहायता भी दी जा रही है।  

उद्योग में कार्यरत स्थानीय लालसिंगी निवासी नरेश कुमार, तलवाड़ा निवासी विवेक शर्मा तथा प्रागपुर निवासी प्रदीप राणा ने प्रसन्नतापूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि इस उद्योग के खुलने से उनके जैसे अनेक हिमाचलियों को अपने घर के समीप तथा प्रदेश के भीतर रोजगार प्राप्त हुआ है।

लालसिंगी निवासी नरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है तथा इससे पूर्व वह दिल्ली में एक उद्योग में नौकरी करता था। दिल्ली में नौकरी के दौरान वेतन कम मिलता था जिसका अधिकतर हिस्सा वहां पर रहने तथा घर आने-जाने में ही खर्च हो जाता था। इसके अलावा आर्थिक तंगी के साथ-साथ समय का भी अभाव रहता था क्योंकि दिल्ली से घर आने-जाने में ही 2 दिन लग जाते थे। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवाओं के प्रयासों व प्रदेश सरकार के सहयोग से उन्हें घर के नजदीक ही अच्छे वेतन के साथ रोजगार हासिल हुआ है जिसके लिए वह प्रदेश सरकार तथा उद्योग विभाग का धन्यवाद करते हैं।

तलवाड़ा निवासी विवेक शर्मा ने बताया कि वह पिछले 13 वर्षों से गलास इंडस्ट्रीज में नौकरी कर रहा है। इससे पहले वह जालंधर में नौकरी करता था। उन्होंने बताया कि करीब दो महीने पहले ही उन्हें देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड में रोजगार हासिल हुआ है और घर के समीप निजी रोजगार प्राप्त कर बेहद प्रसन्नता हो रही है। इसके लिए वह प्रदेश सरकार के आभारी हैं।

जिला कांगड़ा के प्रागपुर निवासी प्रदीप राणा ने बताया कि देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड में काम करने से पहले वह जालंधर में एक निजी संस्था में नौकरी करते थे जहां उन्हें 17 हजार रुपए मासिक पगार मिलती थी। उन्होंने बताया कि इस नए रोजगार में उन्हें 20 हजार रूपये प्रतिमाह तनख्वाह मिल रही है तथा जालन्धर की तुलना में यहां उसका खर्च भी कम हो रहा है।

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