मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए हो रहे कांग्रेस के दो गुटों के बीच का मैच बेहद ही रोमांचिक हो रहा है। देखना होगा कि कांग्रेस में इन दोनों दिग्गजों में से किसका मैन आॅफ द मैच मिलता है। गहलोत अभी भी पायलट को दरकिनार कर रहे है। वहीं कांग्रेस में भी सचिन की सुनवाई नहीं हो रही है। आपकों बता दें कि 19 महीनों से पायलट के पास कांग्रेस पार्टी में कोई भी पद नहीं है। ऐसे में देखना यह होगा कि इस घमासान के बाद पायलट पर पार्टी कोई उम्मीद कायम करती है या नहीं।
मुख्यमंत्री बन सकते है पायलट?
सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं अब भी जिंदा है। क्योंकि प्रभारी अजय माकन के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि हाईकमान रविवार को हुए घटनाक्रम से नाराज है। ऐसे में इसका अप्रत्यक्ष रूप से पूरा फायदा पायलट को मिलेगा। ऐसी संभावना सामने आ रही है कि इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस पार्टी के चेहरे के रूप में पायलट को सीएम बनाने का फैसला कर करें तो कांग्रेस के लिए फायदे में होगा। क्योंकि पार्टी के बहुत सारे विधायक बगावत की स्थिति तक नहीं जाना चाहेंगे लेकिन ऐसे में एक बार फिर पायलट के पक्ष में समीकरण बन सकते है।
इस सियासी नाटक के बीच कांगे्रस को अगर यह नाटकीय खेल समाप्त करना है तो अलाकमान यह निर्णय कर सकता है कि पायलट को पीसीसी चीफ बना दिया जाए। गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री रहें और कांग्रेस का नेशनल अध्यक्ष कोई और बने। लेकिन यह निर्णय पार्टी तभी ले जब पायलट को भरोसा दिलाए कि आगामी 2023 विस चुनाव में सीएम का चेहरा पायलट की होंगे। तभी पायलट कांग्रेस के फैसले को मंजूर कर सकते हैं। एक ओर पायलट कांग्रेस से तो नाराज चल ही रहे है और दूसरी ओर अशोक गहलोत के लिए उनकी नाराजगी साफ देखी जाती है। ऐसे में पायलट के लिए एक यह निर्णय योग्य होगा कि वह भाजपा ज्वाइन करें इसके बाद पायलट या तो अपने साथ कुछ विधायकों को सम्मलित कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। और यह पायलट के लिए कोई बडी बात नहीं है। अगर कांग्रेस ने इस बाद पायलट की नहीं सुनी तो अधिकांशतः पायलट के पास एक ही रास्ता होता है सीएम बनने का कि वह भाजपा के साथ राजस्थान में सरकार बनाएं।
पायलट करेंगे सिंधिया की रणनीति पर काम
सोर्स http://dhunt.in/CeW2a?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “IBC24”
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