मंडी, 27 अगस्त। उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आज एमपॉक्स महामारी से निपटने की तैयारियों को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कहा गया कि वैश्विक महामारी एमपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से चौकस है और किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।
बैठक में सभी विभागों से तालमेल बनाकर इसका सामना करने की रणनीति पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने इस दौरान स्वास्थ्य विभाग को इस वैश्विक बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके और अनावश्यक तौर पर वे घबराएं नहीं।
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग एमपॉक्स बीमारी को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। विभाग द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 67, जोनल हॉस्पिटल में 20, सिविल हॉस्पिटल सुंदरनगर में दो और करसोग में 6 आइसोलेशन बैड चिन्हित किए गए हैं। अन्य उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. अरिंदम राय ने बताया कि एमपॉक्स का पहला मामला डेनमार्क में वर्ष 1958 में पाया गया था व इसका निदान मध्य अफ्रीकी देश कांगो में हुआ था। यह बीमारी संक्रमित बंदरों, गिलहरी, चूहों आदि से स्वस्थ आदमी में आती है तथा इसके लक्षण उभरने में पाँच से 21 दिन तक लग सकते हैं। जिनमें त्वचा पर दाग, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जुकाम आदि हो सकते हैं। यह बीमारी संक्रामक है तथा बीमार व्यक्ति के निकट संपर्क से, त्वचा से त्वचा का संपर्क होने, उसके बर्तन, तौलिया, बिस्तर सांझा करने पर फैलती है। इसके लक्षण कुछ-कुछ चिकन पॉक्स व मीजल से मिलते हैं। समय पर निदान होने पर इसके सैंपल लेकर प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं ताकि समय पर उपचार हो सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र भारद्वाज ने उपायुक्त व अन्य सदस्यों का स्वागत किया और बीमारी से निपटने को लेकर किए गए प्रबंधों की जानकारी दी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ धर्म सिंह, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश ठाकुर, कार्यक्रम अधिकारी अनुराधा शर्मा, क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ अरिंदम राय, जिला विकास अधिकारी डीआरडीए गोपी चंद पाठक, जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, अतिरिक्त आयुक्त एमसी मंडी विकास शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल, जिला कल्याण अधिकारी समीर सहित वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी व खण्ड चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने हैंड हैल्ड एक्स रे मशीन को किया लांच
उपायुक्त ने इसके उपरांत एक हैंड हैल्ड एक्स रे मशीन भी लांच की। जिला मंडी द्वारा क्षय रोग निवारण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रदेश के एकमात्र जिला मंडी को यह मशीन प्राप्त हुई है। यह मशीन जिला क्षय रोग निवारण समिति (जिला टीबी फोरम) के माध्यम से प्राप्त एक पोर्टेबल एक्स रे मशीन है जिसे दूर दराज क्षेत्रों में कहीं भी ले जाया जा सकता है तथा यह चन्द मिनट में ही एक्स-रे करने के उपरांत रिजल्ट देती है। इस मशीन की कीमत लगभग 40 लाख रुपए है। उपायुक्त ने कहा कि इस मशीन से दूर-दराज के क्षेत्रों के लोग लाभान्वित हो पाएंगे, क्योंकि इस मशीन को आसानी से कहीं पर भी ले जाया जा सकता है। चिकित्सीय जांच के दौरान अगर एक्स-रे करने की आवश्यकता है तो दूरदराज क्षेत्र में ही एक्स-रे लिया जा सकेगा।
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