आर. वेंकटरमणी देश के नए अटॉर्नी जनरल नियुक्त, 1 अक्टूबर से संभालेंगे कार्यभार।

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आर. वेंकटरमणी देश के नए अटॉर्नी जनरल नियुक्त, 1 अक्टूबर से संभालेंगे कार्यभार।जिसमें कहा गया है कि अगामी 3 वर्षों के लिए वेंकटरमणी को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया जाता है. दरअसल, वर्तमान अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा होने जा रहा है. वेणुगोपाल (91 साल) का पहले 30 जून को कार्यकाल खत्म होने जा रहा था. हालांकि, केंद्र सरकार ने तीन महीने के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया था. वेणुगोपाल को मोदी सरकार ने तीसरी बार सेवा विस्तार दिया था. इस पद के लिए सरकार ने सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी को ऑफर दिया था. हालांकि उन्होंने ये ऑफर लेने से इनकार कर दिया था. रोहतगी मोदी सरकार में 2014 से 2017 तक अटॉर्नी जनरल रहे हैं. बाद में केंद्र सरकार ने ये जिम्मेदारी केके वेणुगोपाल को सौंप दी थी.



आर वेंकटरमणी सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता पैनल में रहे हैं. अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) मामलों में उनका अनुभव बेजोड़ है. उन्हें 2010 में भारत के विधि आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था. वह दशकों से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों के लिए विशेष वरिष्ठ वकील के रूप में काम करते रहे हैं.

मंत्रालयों में भी सेवा दे चुके

वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कई अवसरों पर वेंकटरमणी से विशषे वकील के रूप में सेवाएं ली हैं. वे न्यायालय के कर्मचारियों से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के वकील, एक समान अवसर आयोग की संरचना और कार्यों की जांच और निर्धारण करने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समूह के सह-चयनित सदस्य भी रहे हैं. उन्हें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की आचार समिति का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया गया था. कई वकील संघों के सदस्य सह पदाधिकारी रहने के साथ साथ इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के आजीवन सदस्य भी हैं. वह न्यायमूर्ति एमएन वेंकटचलैया की अध्यक्षता में संविधान के कामकाज की समीक्षा करने वाले आयोग द्वारा गठित राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों पर अध्ययन के लिए बनाई उप-समिति के सदस्य भी रहे हैं.

वेंकटरमणी मई 2002 में बर्लिन में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद भोजन के अधिकार पर एक उपकरण का मसौदा तैयार करने में लगे अंतर्राष्ट्रीय कार्य समूह से भी जुड़े हुए हैं. उन्हें नेपाली संविधान प्रारूपण और अनुभव साझा करने के अभ्यास (2008) में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया गया था.

कई ग्रंथों को लिख चुके वेंकटरमणी

उनके लिखे कई ग्रंथों का प्रकाशन हो चुका है. 1975 में आई भूमि सुधार कानून और वास्तविक स्थिति पर आधारित पुस्तक के सह-लेखक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स सोसाइटी (1995) द्वारा प्रकाशित ‘जस्टिस ऑफ जस्टिस ओ. चिन्नप्पा रेड्डी’ (सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश), बटरवर्थ्स द्वारा प्रकाशित हल्सबरी लॉज़ ऑफ़ इंडिया की श्रृंखला में ‘टोर्ट्स’ पर वॉल्यूम, भारतीय कानून का पुनर्कथन (जनहित याचिका) [कानूनों के पुनर्कथन संबंधी समिति द्वारा प्रायोजित – भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारतीय विधि संस्थान की संयुक्त समिति]. वह वर्तमान में ‘घरेलू कानून बनाने और न्यायिक प्रवर्तन में अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों का दायरा और अनुप्रयोग’ और संवैधानिक अधिकार और न्यायशास्त्र पर पुस्तक लिख रहे हैं.

http://dhunt.in/CkDjM?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “आज तक”

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