Global Hunger Index 2022: विपक्ष ने साधा निशाना, सरकार ने किया खंडन, कहा- यह भारत की छवि को खराब करने की कोशिश।ग्लोबल हंगर रिपोर्ट को लेकर भारत में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। जहां एक ओर सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है वहीं, दूसरी ओर विपक्ष इस रिपोर्ट पर सरकार को घेरने में लगा है।केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह वैश्विक स्तर पर देश की छवि को खराब करने की कोशिश है। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और एनसीपी ने सरकार पर हमला बोला है। गौरतलब है कि वैश्विक भूख सूचकांक 2022 (Global Hunger Index) में भारत की स्थिति इस बार और भी ज्यादा खराब हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत छह पायदान नीचे खिसक कर अब 121 देशों में 107वें स्थान पर पहुंच गया है। 29.1 स्कोर के साथ ग्लोबल हंगर इंडेक्स के प्रकाशकों ने भारत में ‘भूख’ की स्थिति को गंभीर बताया है।
इन देशों में भारत से भी खराब स्थिति
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के आंकड़ों को देखें तो जाम्बिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम कांगो, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और यमन की स्थिति भारत से भी खराब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गिनी, मोजाम्बिक, युगांडा, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया सहित 15 देशों के लिए रैंक का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।
विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला
वैश्विक भूख सूचकांक के आंकड़े सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हावी हो गया है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार के आठ साल में 2014 के बाद से भारत का स्कोर खराब हुआ है। चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, हिंदुत्व, हिंदी थोपना और नफरत फैलाना भूख की दवा नहीं है। इसके अलावा कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया, भाजपा सरकार इन आंकड़ों को खारिज कर देगी और स्टडी करने वाले संगठन पर छापा मारेगी।
सिसोदिया ने कसा तंज
इन आंकड़ों के सामने आने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, भाजपा भारत को पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के बारे में भाषण देती है, लेकिन 106 देश दिन में दो समय का भोजन उपलब्ध कराने में हमसे बेहतर हैं। उन्होंने आगे कहा, भारत के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा दिए बिना नंबर-1 नहीं बन सकता।
राकांपा ने कहा-जवाब दे सरकार
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत की स्थिति को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी सरकार को घेरा है। शनिवार को आरोप लगाते हुए एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) 2022 में भारत की ताजा रैंकिंग में अफगानिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की तुलना में भारत की स्थिति खराब है, यह दर्शाता है कि सरकार ने पिछले 8 वर्षों में बच्चों के विकास की उपेक्षा की है। सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे पर देश की तरफ से जवाब देना चाहिए।
सरकार ने किया रिपोर्ट को खारिज
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 की ओर से जारी रिपोर्ट को मोदी सरकार ने खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 107वें स्थान पर है। यह वैश्विक स्तर पर देश की छवि को खराब करने के लगातार प्रयास का हिस्सा है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ने इसे लेकर जारी एक बयान में कहा है कि वैश्विक भूख सूचकांक की माप प्रणाली गलत है। इसमें कई मेथाडोलॉजिकल समस्याएं हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इस रिपोर्ट को जमीनी हकीकत से बिल्कुल इतर तैयार किया गया है।
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बयान में कहा कि जुलाई 2022 में FIES (खाद्य असुरक्षा अनुभव स्केल) सर्वेक्षण मॉड्यूल डेटा के आधार पर इस तरह के अनुमानों का उपयोग सांख्यिकीय आउटपुट के रूप में नहीं करने के लिए खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ मामला उठाया गया था। हालांकि तब इस बात का आश्वासन दिया जा गया था कि इस मुद्दे पर और बातचीत होगी। बावजूद इसके तथ्यात्मक त्रुटियों के साथ ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट का प्रकाशन खेदजनक है। सूचकांक की गणना के लिए इस्तेमाल किए गए चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।
कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ़ आयरलैंड और जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जारी ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2022 ने भारत को 121 देशों में 107 वें स्थान पर रखा है।
http://dhunt.in/Du6m6?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “अमर उजाला”
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