तमिलनाडु की राधिका ने देश-विदेश में बनायी अपनी अलग पहचान, जानिए क्या करती हैं काम

Read Time:3 Minute, 47 Second

तमिलनाडु की राधिका ने देश-विदेश में बनायी अपनी अलग पहचान, जानिए क्या करती हैं काम।23 वर्षीया राधिका छह साल की उम्र में ही हड्डियों की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गयी थीं. इस कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही रुक गयी, लेकिन हस्तकला के प्रति उसकी रुचि ने उन्हें निराश नहीं होने दिया.

राधिका ने कला का दामन थामे रखा. 12 वर्ष की आयु तक उनकी सात सर्जरी हो चुकी थी. आज रद्दी के अखबारों से एक से बढ़कर एक गुड्डे-गुड़िया बनाती हैं. इस कला से राधिका को न केवल नयी पहचान मिली है, बल्कि मुस्कुराकर जीने की वजह भी मिल गयी है.

कुछ ऐसे आया आइडिया

राधिका बताती हैं कि उन्हें बचपन से आर्ट एंड क्राफ्ट से जुड़े टीवी शोज देखना पसंद था और वे अपने खाली समय में अखबार से वाल हैंगिंग बनाया करती थीं, जिसे उनके दोस्तों और पड़ोसियों से खूब सराहना मिली. फिर राधिका के भाई के एक दोस्त ने उन्हें एक अफ्रीकी गुड़िया दिखायी, जिसे देख राधिका को लगा कि वह भी कुछ ऐसा बना सकती है. साल 2017 में उन्होंने रद्दी अखबारों से गुड़िया बनाने का काम शुरू किया और QueenBee Paper Craft and Creative Arts से शुरुआत की.

विदेशों तक है पहुंच

अक्टूबर, 2022 तक 500 से ज्यादा ग्राहकों के लिए 2350 से ज्यादा गुड़िया बना चुकी हैं. भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दुबई, श्रीलंका एवं अंडमान तक भी उनकी अफ्रीकी गुड़िया पहुंच चुकी है. वे न केवल अफ्रीकी गुड़िया, बल्कि ग्राहकों की मांग के अनुसार पारंपरिक गुड़िया, सजावटी सामान आदि भी बनाती हैं, जैसे- किसी खास पर्व-त्योहार के अवसर, शादी या अन्य खास मौकों के लिए कस्टमाइज गुड़िया एवं किसी खास थीम पर आधारित. उन्हें इसी साल एक नामी डायमंड ज्वेलरी ब्रांड की ओर से Pudhumai Penn Of Tamil Nadu तथा एक अन्य पुरस्कार Thanga Penne से पुरस्कृत किया जा चुका है. अब वे कई ट्रेनिंग सेशन में भी भाग लेती हैं. पिछले वर्ष तमिलनाडु व महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी पुरस्कृत किया जा चुका है.

सोशल मीडिया पर हैं सक्रिय

राधिका ने Radhika JA – QueenBee Dolls नाम से इंस्टाग्राम अकाउंट भी बनाया है, जहां वे अपनी बनायी हुआ कलात्मक चीजें लोगों के साथ लगातार शेयर करते रहती हैं. साथ ही अपना उनका यूट्यूब चैनल भी बनाया हुआ है, जहां वे ट्यूटोरियल भी साझा करती हैं. वे रद्दी अखबारों के अलावा केवल रंग, बैंबू स्टिक, रिबन आदि का इस्तेमाल करती हैं. उनके द्वारा बनायी गयी गुड़ियों की कीमत 150 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है. आज अपनी कला के बल पर राधिका आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं.

http://dhunt.in/EQdlj?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “प्रभात खबर”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Alia-Ranbir Baby Girl: घर आई नन्ही परी…कपूर खानदान में गूंजी किलकारियां, आलिया भट्ट ने दिया बेटी को जन्म
Next post HP Assembly Election 2022: ओल्ड पेंशन स्कीम पर हिमाचल प्रदेश में क्या है बीजेपी का प्लान? चुनाव प्रभारी मंगल पांडेय ने दिया ये जवाब
error: Content is protected !!