Parliament: चुनावों में होता है बहुत ज्यादा खर्च, एक साथ कराए जाने से सरकारी खजाने पर कम पड़ेगा बोझ: केंद्र।देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने पर सरकार ने जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से कोष की भारी बचत होगी। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि चुनाव एक बड़े बजट का मामला बन गया है और लोकसभा और राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से राजकोष को भारी बचत होगी।
कानून मंत्री ने सदन में दिया लिखित जवाब
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की जरूरत महसूस की जा रही है, क्योंकि चुनाव बड़ा बजट मामला और खर्चीला हो गया है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधि आयोग ने चुनावी कानूनों में सुधार पर अपनी रिपोर्ट में शासन में स्थिरता के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया था।
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‘एक साथ चुनाव कराने से खजाने में भारी बचत’
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा, ‘एक साथ चुनाव कराने से सरकारी खजाने में भारी बचत होगी।’ उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने में प्रशासनिक और कानून व्यवस्था तंत्र के प्रयासों के दोहराव से बचा जा सकेगा और राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को उनके चुनाव अभियानों में काफी बचत होगी। बता दें कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की मांग कई बार उठती रही है।
देश में पहले भी हो चुके हैं एक साथ चुनाव
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से लोकसभा और राज्य विधानसभा के अत्याधिक चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता के लंबे समय तक लागू रहने के प्रतिकूल प्रभाव पर भी अंकुश लगेगा। आपको बता दें कि देश में 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए थे। हालांकि, 1968 और 1969 में कुछ विधान सभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो गई।
Source : “जागरण”
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