
हिमाचल प्रदेश: गंदा पानी पीने से एक दर्जन गांव के 535 लोग बीमार! बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने का अंदेशा। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक दर्जन गांवों में दूषित पानी के सप्लाई होने का आरोप लगा है. इस पानी को पीने के बाद अब तक 535 लोग बीमार पड़ चुके हैं. मामला हमीरपुर जिले के नादौन अनुमंडल के एक दर्जन गांवों का है.
जिन गांवों में लोग बीमार हुए हैं, उनमें नाम बनह, जंडगी गुजरान, जंदाली राजपुतान, पन्याला, पथियालू, नियति, रंगस चौकी हार, थाइन और शंकर सहित एक दर्जन गांव शामिल हैं. लोगों की तबीयत खराब होने का क्रम कुछ दिनों पहले ही शुरू हो गया था. रंगस पंचायत के प्रधान राजीव कुमार ने कहा कि बीमार लोगों की संख्या 300 को पार कर गई है. कुछ रोगियों को हमीरपुर के अस्पतालों में रेफर किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक बीमारों की तादाद 535 तक पहुंच गई है.
आरोप है कि जल शक्ति विभाग ने जो पानी सप्लाई किया था, वह दूषित था. इसका सेवन करने से हर घर में दो से तीन लोग बीमार हो गए हैं. माना जा रहा है कि पानी में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने के कारण लोग बीमार पड़े हैं. लोगों ने अपने परिजनों के बीमार होने के लिए एक गड्ढे के दूषित पानी को जिम्मेदार ठहाराया. इस पानी की आपूर्ति कई लोगों के यहां की जाती है.
ग्रामीणों ने एजेंसी को बताया कि एक निर्माणाधीन टैंक से बिना फिल्टर पानी की आपूर्ति की गई, जिसके कारण ही लोगों को दिक्कत आनी शुरू हुई.मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की उचित देखभाल करने और दवाओं और दूसरी चीजों की कमी नहीं होने देने का निर्देश दिया है. बता दें कि सीएम सुक्खू नादौन से ही विधायक हैं. उन्होंने राज्य और जिला स्तर की एजेंसियों से भी पूरी रिपोर्ट मांगी है.
हमीरपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री की निगरानी में लोगों का इलाज करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें प्रभावित गांवों में पहुंच चुकी हैं. इधर, लोगों के बीमार पड़ने के बाद जल शक्ति विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं. उन्होंने प्रभावित गांवों में पानी की आपूर्ति बंद कर दी है और नमूने जांच के लिए भेजे हैं.
विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता ने कहा कि आपूर्ति बंद होने के बाद लोगों को बोतलबंद पानी बांटा जा रहा है. उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने कहा कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य और आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से आवश्यक दवाएं, ओआरएस पैकेट, क्लोरीन की गोलियां और अन्य सामग्री गांवों में पहुंचाई जा रही है.
Source : “आज तक”