वर्ल्ड बैंक इस स्थिति में नहीं है कि. पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर भारत की दो टूक

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वर्ल्ड बैंक इस स्थिति में नहीं है कि. पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर भारत की दो टूक ।सिंधु जल संधि को लेकर भारत और पाकिस्तान में विवाद छिड़ा हुआ है. इस मुद्दे को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस वार्ता की.

इस दौरान उन्होंने वर्ल्ड बैंक के फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान को 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए 25 जनवरी को नोटिस जारी किया है. मुझे पाकिस्तान या विश्व बैंक की तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया की जानकारी नहीं मिली है.

बागची ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि विश्व बैंक हमारे लिए इस समझौते को सुलझाने की स्थिति में है. उन्होंने कहा कि यह हमारे दोनों देशों के बीच एक संधि है और इसका मूल्यांकन हम खुद ही करेंगे. दरअसल, सिंधु जल समझौते को लेकर विवाद भारत के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स पर आपत्ति के बाद आई है. पाकिस्तान ने भारत की किशनगंगा और रतले हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को लेकर आपत्ति जताई थी.

वर्ल्ड बैंक ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि समझौते में सुधार के लिए हमने पिछले 25 जनवरी को पाकिस्तान को नोटिस दिया है. पडोसी मुल्क को 90 दिनों के भीतर इसका जवाब देना है. वहीं, इस मामले में वर्ल्ड बैंक का कहना है कि दोनों देश इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दो अलग अलग रास्ते अपनाएं. दोनों इसके लिए न्यूट्रल एक्सपर्ट अपॉइंट करें और कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन जाएं. वहीं इस पर भारत का कहना है कि वह पहले कमिश्नर स्तर पर इस मुद्दे को सुलझाना चाहेगा. इसके बाद न्यूट्रल एक्सपर्ट और कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन का रुख करना चाहेगा.

बागची ने कहा कि वर्ल्ड बैंक ने खुद इस बात को स्वीकार किया है ये दो पैरलर प्रोसेस हैं. हमारा आकलन है कि यह संधि के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमने पाकिस्तान को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि पड़ोसी देश चाहें तो सरकार के स्तर पर भी इसको लेकर बातचीत कर सकते हैं.

1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता

बता दें कि सितंबर 1960 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. विश्व बैंक भी इस समझौते का एक वादी है. इस मुद्दे को सुलझाने की बजाय पाकिस्तान बार-बार उसी वर्ल्ड बैंक के पास चला जाता था. ऐसे में भारत को मजबूरन पाकिस्तान को नोटिस जारी करना पड़ा था. बता दें कि यह पहली बार है जब भारत ने सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग की है.

By TV9 Bharatvarsh

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