‘शिशुओं के जीवन के पहले 1000 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण’

हमीरपुर 24 फरवरी। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर ने ‘वो दिन’ योजना और ‘सशक्त महिला’ योजना के तहत शुक्रवार को ग्राम पंचायत चमियाणा, करोट, खैरी और मनिहाल में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों में लोगों को शिशुओं के जीवन के शुरुआती 1000 दिनों के महत्व पर भी व्यापक जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि मां के गर्भ से लेकर बच्चे के दूसरे जन्म दिन तक के समय के 1000 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को इस अवधि में अच्छी देखरेख, उचित पोषण, उपयुक्त प्रोत्साहन एवं प्रेरक परिवेश (मोटिवेशनल एनवायरमेंट) दिया जाता है उनके बौद्धिक, भाषायी, भावनात्मक और सामाजिक कौशल बेहतर होने की, स्वस्थ वयस्क के रूप में उभरने और आत्मविश्वास से भरे होने की संभावना अधिक होती है। एक व्यस्क के रूप में हमारे हित के लिए ये सभी पहलू अत्यंत आवश्यक हैं और प्रारंभिक जीवन के अनुभव ही हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।
पंचायत स्तरीय जनसंवाद कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायतीराज, ग्रामीण विकास, जलशक्ति, कृषि एवं बागवानी विभाग के सामूहिक एवं समन्वित प्रयास से आयोजित इन जनसंवाद कार्यक्रमों में लोगों को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, स्वच्छता, आहार विविधता, सूक्ष्म पोषक तत्व पूरकता, बायोफोर्टिफिकेशन, न्यूट्रीशन स्मार्ट एग्रीकल्चर, आरंभिक बाल प्रोत्साहन जैसे विषयों पर जानकारी दी जा रही है। इनका उद्देश्य समुदाय के सामूहिक और संगठित प्रयास से पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर सामाजिक लामबंदी, व्यवहार परिवर्तन संचार (बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन) एवं सामुदायिक पैरवी के माध्यम से जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान करना है। इन जनसंवाद कार्यक्रमों में कुपोषित बच्चों की विशेष जांच एवं अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के दृष्टिगत मोटे अनाज के लाभ पर विशेष खाद्य प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जा रहा है।

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