मणिकर्ण में हुए हुड़दंग और तोड़फोड़ मामले में हिमाचल हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट ने 13 मार्च को मामले की सुनवाई तय की है.
शिमला: कुल्लू जिला के मणिकर्ण में हुड़दंग और पंजाब से आए श्रद्धालुओं द्वारा की गई तोड़फोड़ पर हिमाचल हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित अन्य अफसरों को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने 13 मार्च को मामले की सुनवाई तय की है. सरकार को मामले में स्टेट्स फाइल करने के निर्देश दिए गए हैं. हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले में मीडिया रिपोट्र्स के आधार पर संज्ञान लिया और टिप्पणी की है कि मणिकर्ण एक प्रसिद्ध धर्मस्थल है.
अकेदालत ने मुख्य सचिव सहित गृह विभाग के सचिव, डीजीपी, डीसी कुल्लू व डीसी बिलासपुर को नोटिस जारी कर स्टेट्स तलब किया है. मीडिया रिपोट्रस के आधार पर हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेकर ये नोटिस जारी किए हैं. कुल्लू जिला में ग्रीन टैक्स को लेकर भी सैलानियों ने झगड़ा किया था. इस दौरान अप्रिय नारे लगाए गए और कुछ लोगों ने कथित रूप से खालिस्तानी झंडा भी फहराया. मार्च की छह तारीख को हंगामा हुआ था. बिलासपुर के गरनोड़ा में भी खूब हंगामा और तोड़फोड़ की गई.
उल्लेखनीय है कि कुल्लू के मणिकर्ण में सिक्ख श्रद्धालुओं के हुड़दंग और दबंगई से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया है. हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे लेकर बयान दिया था कि माहौल शांत है और पंजाब हिमाचल का बड़ा भाई है. कुछ युवा उत्साह में आकर ऐसी घटनाएं करते हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये कोई साधारण घटना नहीं है. हिमाचल में पहले भी खालिस्तान के झंडे लेकर आने वाले युवा उपद्रव मचाते रहे हैं.
मोटर साइकिल पर सवार ये युवा न तो हैलमेट पहनते हैं और न ही ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं. हाल ही में छह मार्च को सिक्ख श्रद्धालुओं में सारी सीमाएं लांघ दी थी. इससे हिमाचल का माहौल अशांत होने की आशंका है. हिमाचल हाई कोर्ट ने इसी कारण संज्ञान लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. सरकार को 13 मार्च को ही जवाब देना है और उसी दिन हाई कोर्ट मामले की सुनवाई भी करेगा।
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