राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में 804 करोड़ रुपये के भूमि मुआवजे वितरित: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां प्रदेश में निर्माणाधीन विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने भूमि मुआवजा, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) और वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) की मंजूरी से संबंधी मामलों और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आ रही अन्य बाधाओं के समाधान पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए एक माह के भीतर 804 करोड़ रुपये के भूमि मुआवजे का वितरण करने के लिए अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने 27 मार्च, 2023 तक लगभग 750 करोड़ रुपये के शेष मुआवजे के मामलों की वितरण प्रक्रिया को पूरा करने पर भी विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में सड़कें परिवहन का मुख्य साधन हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुआवज़े और स्वीकृतियों से संबंधित मामलों का निपटारा प्रतिबद्धता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है जिससे राज्य के लोगों के साथ-साथ प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एफआरए-एफसीए स्वीकृति संबंधी मामलों की हर 15 दिनों में निगरानी कर इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन मामलों में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए 27 मार्च, 2023 को बैठक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने शिमला-मटौर सड़क, पठानकोट-मंडी सड़क, शिमला बाइपास और पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क की प्रगति की भी समीक्षा की और परियोजनाओं के निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीहरू-लठियाणी सड़क के लिए 900 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 20 फरवरी, 2023 को केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी है और 31 मार्च, 2023 तक इस परियोजना को स्वीकृति मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सड़क व्यवस्था के सुधार और परिवहन क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने में यह सड़क विकास परियोजना मददगार साबित होगी।
इसके अतिरिक्त 31 मार्च, 2023 तक सैंज-लूहरी-जलोड़ी सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जलोड़ी सुरंग के निर्माण के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा तथा नालागढ़-स्वारघाट सड़क, ऊना बाईपास और पंजाब की सीमा से नादौन तक सड़क निर्माण को शुरू किया जाएगा। यह परियोजनाएं क्षेत्र के आर्थिक विकास और स्थानीय लोगों को लाभान्वित करेंगी।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार), गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक पंकज डडवाल और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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