भांग की खेती पर बनी विधानसभा कमेटी; CM बोले, एक महीने में रिपोर्ट सौंपेंगी समिति, फिर नीति बनाने पर होगा विचार

भांग की खेती पर बनी विधानसभा कमेटी; CM बोले, एक महीने में रिपोर्ट सौंपेंगी समिति, फिर नीति बनाने पर होगा विचार।
हिमाचल में भांग की खेती को वैध बनाने के लिए सरकार ने एक विधानसभा कमेटी बनाई है।

यह कमेटी एक महीने में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के बाद ही सरकार तय करेगी कि भांग की खेती को औद्योगिक प्रयोग के लिए वैध करना है या नहीं। विधानसभा में गुरुवार को दरंग के विधायक पूर्वचंद ठाकुर की ओर से नियम 63 के तहत लाए गए प्रस्ताव के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भांग की पत्तियों व बीज के औघोगिक व मेडिकल प्रयोग के लिए नियम बनाया जा सकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए विधानसभा कमेटी राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाएगी। इस कमेटी में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक पूर्णचंद ठाकुर, विधायक हंसराज और विधायक जनकराज को शामिल करने की बात मुख्यमंत्री ने सदन में कही है।

कोर्ट ने भी दिए है नीति बनाने के आदेश

सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि कोई ने भी पिछली सरकार के दौरान भांग की खेती के लिए नीति बनाने को तीन अंतरिम आदेश दिए थे, लेकिन पिछली सरकार इसके लिए नीति नहीं बना पाई। गुजरात नीति बना रहा है। उत्तराखंड नीति बना चुका है। उन्होंने कहा कि भांग से कैंसर, शुगर, समेत कई दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। इजरायल ने कोरोना काल में इससे कोरोना की दवाई बनाई है और हम इस दवाई को विदेशाों से मंगा रहे है।

कैंसर के इलाज में प्रयोग होती है भांग

भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. जनक राज ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भांग का उपयोग कैंसर की कीमो थेरेपी में उपयोग होने वाली दवाओं, मिरगे के दौरे, डिप्रैशन और अल्सर जैसी बीमारियों के लिए प्रयोग होता है। भांग का साइंटिफिक नाम कैनीबीज इंडिका है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भांग की खेती के लिए लोगों को लाइसेंस दिया जाता है।

भांग की खेती, नशे की खेती नहीं

इस चर्चा में भाग लेते हुए बंजार विधानसभा के विधायक सुरेंद्र शौरी ने भी इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भांग की खेती नशे की खेती नहीं है। इसके औद्योगिक प्रयोग है। जिस पौधों को औद्योगिक प्रयोग में लाया जाता है। उसमें बहुत नशे की मात्रा बहुत कम होती हैं। जबिक नशे के लिए प्रयोग होने वाले भांग के पौधें दूसरे है।

भांग के तेल से ठीक हुई बेटी

चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक हंसराज ने भी भांग की खेती को वैध करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी किसी बीमारी से जूझ रही थी, इस दौरान विशेषज्ञ व विधायक सुंदर ठाकुर ने भांग का तेल प्रयोग करने की सलाह दी। इसके प्रयोग से उनकी बेटी ठीक हो गई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भांग के औद्योगिक प्रयोग जब प्रदेश के युवाओं को फायदा होगा, तो वे नशें के लिए भांग बेचने का काम बंद कर देंगे।

एंबुलेंस दान करो, तो तेल-ड्राइवर भी दो

शिमला – स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने विधानसभा में एक अजीब सा तर्क रखा। उन्होंने कहा कि जो लोग अस्पतालों को एंबुलेंस दान करते हैं, वे अगर दान करें, तो पूरा करें। मतलब एंबुलेंस के साथ ड्राइवर और पेट्रोल का इंतजाम भी होना चाहिए। वह विधानसभा में विधायकों चंद्रशेखर और राकेश जमवाल के सवालों का जवाब दे रहे थे। धर्मपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने सवाल पूछा था कि 108 एंबुलेंस का पर्पज डिफीट हो गया है। टीहरा और कमलाह को हमीरपुर के टौणी देवी की एंबुलेंस सर्व करती है, जो बहुत दूर है। साथ ही सुंदरनगर से भाजपा विधायक राकेश जमवाल ने भी अनुपूरक सवाल पूछ लिया कि सुंदर नगर पॉलिटेक्निक कॉलेज ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन ने एक एंबुलेंस नेरचौक मेडिकल कॉलेज को दी थी और वह अब भी मेडिकल कॉलेज में ही खड़ी है।

कुल्लू में कूड़ा संयंत्र के लिए जमीन दें

कुल्लू में कूड़ा संयंत्र स्थापित करने के बंजार से विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस तरह के संयंत्रों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो रही है। यदि विधायक नगर पंचायत बंजार में स्थान उपलब्ध करवा दें तो सरकार संयंत्र स्थापित करने पर फैसला करेगी। वन संरक्षण अधिनियम के कारण भी दिक्कत आ रही है। सुरेंद्र शौरी ने पूछा था कि मनाली के अलावा अन्य चुनाव क्षेत्रों में कूड़ा संयंत्र नहीं है, इसलिए सरकार इस पर क्या कर रही है?

रामपुर में तीन आयुर्वेद हैल्थ सेंटर भवन

रामपुर से कांग्रेस विधायक नंदलाल के सवाल के जवाब में आयुर्वेद मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत कुल 31 आयुर्वेदिक हैल्थ सेंटर और एक आयुर्वेदिक अस्पताल है। इनमें से 12 आयुर्वेदिक हैल्थ सेंटर के पास अपना भवन है, जबकि 20 के पास कोई भवन नहीं है। इनमें से आठ किराए के भवनों में चल रही हैं और 12 रेंट फ्री अकोमोडेशन में चलाई जा रही हैं। सबसे बड़ी दिक्कत जमीन उपलब्ध न होना है। मंत्री ने बताया कि 3 आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर के लिए जमीन उपलब्ध हो गई है और बजट का प्रावधान भी है। इनमें काहंग, सरपारा और खलेड़ा शामिल हैं।

कमांद सेंटर स्कूल का प्रोपोजल भेजेंगे

दरंग से भाजपा विधायक पूर्ण चंद ठाकुर के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि मंडी जिला के कमांद में सेंटर स्कूल स्थापित करने के लिए सिर्फ प्रोपोजल ही भारत सरकार को भेजा जा सकता है। इस बारे में फैसला भारत सरकार ही करती है। हिमाचल में 26 सेंटर स्कूल चल रहे हैं, जिनमें से तीन मंडी जिला में हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चुनाव क्षेत्र में सेंटर स्कूल खोलने के लिए प्रोपोजल गया है। सरकार एक और प्रपोजल भी भेजने को तैयार है, लेकिन फैसला भारत सरकार ने लेना है। इसलिए भाजपा विधायक अपनी केंद्र सरकार को भी इस बारे में कहें।

By Divya Himachal

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