
HPU EC Meeting: मंडी और तकनीकी विवि हमीरपुर के वीसी की जल्द होगी एचपीयू में वापसी, जानें पूरा मामला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से आर्डिनेंस में दिए गए प्रावधान में एक्सट्रा आर्डिनरी लीव (ईओएल) पर गए तीन शिक्षकों की एचपीयू वापसी होगी। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में इन तीनों शिक्षकों की ईओएल को रद्द कर दिया गया है।
दो-तीन दिन में बैठक की कार्रवाई की रिपोर्ट आने के बाद इसके निर्देश जारी हो जाएंगे। इनमें सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीडी शर्मा, प्रति कुलपति प्रो. अनुपमा सिंह और हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि धीमान अब फिर से एचपीयू में अपने विभागों में लौटेंगे। पूर्व भाजपा कार्यकाल में ये शिक्षक आर्डिनेंस के प्रावधानों में ईओएल पर गए थे। इनकी विश्वविद्यालयों में ताजपोशी की गई थी।
अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इनकी वापसी लगभग तय है। हालांकि विवि से दो से तीन और ऐसे शिक्षक भी ईओएल पर जाकर विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति जैसे अहम पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। बैठक में पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार के कार्यकाल में आउटसोर्स आधार पर लगाए गए करीब तीन सौ कर्मचारियों को ईसी ने तीन माह तक की मोहलत देने के साथ ही विवि प्रशासन को अगले तीन माह में पूर्व में विज्ञापित गैर शिक्षकों के पदों को भरने के निर्देश दिए हैं। इससे इन कर्मचारियों की तीन माह और विवि में सेवाएं जारी रहेंगी। पहले भी ईसी से इन कर्मचारियों को मार्च तक तक सेवाएं जारी रखने का निर्णय हुआ था। इन आउटसोर्स भर्तियों का विवि में लगातार विरोध होता रहा है,और कर्मचारी नियमित भर्तियां करने की मांग करते आ रहे है। इस दौरान विवि के पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार के शिक्षक कॉलोनी में अब तक रखे गए सरकारी मकान को ट्रांजिट मकान के रूप में रखे जाने के लिए आए आवेदन पर चर्चा हुई, मगर इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
प्रो. सिकंदर राज्य सभा सांसद बनने के बाद से सरकारी आवास को अपने पास ही रखा है। यदि ये अनुमति नहीं मिलती है, तो उन्हें मकान खाली करना होगा, इसमें उनसे अब तक का किराया भी लिया जा सकता है। ईसी में दिव्यांग छात्रों को एक पीजी के बाद दूसरी डिग्री और कोर्स पूरा करने को मुफ्त छात्रावास सुविधा दिए जाने का निर्णय भी हुआ। बैठक में विवि के परीक्षा परिणाम और ईआरपी में लगतार सामने आ रही खामियों और मूल्यांकन की प्रक्रिया को लेकर उठते रहे सवालों के मामले पर विस्तृत चर्चा हुई। इस पर ईसी में परीक्षा संबंधित और ईआरपी को लेकर पेश आ रही सभी तरह की समस्याओं और शिकायतों का पता लगाकर इसका स्थाई समाधान निकालने को कमेटी का गठन किया गया। इसमें विवि के डीएस, परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव सहित संबंधित शाखाओं के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है।
निजी लॉ कॉलेज मामले की विवि करेगा आंतरिक जांच
पूर्व में विवि से संबद्ध रहे जिला सिरमौर के निजी लॉ कॉलेज में संबद्धता छीन जाने के बावजूद 2013 से लेकर अब तक दिए जा रहे प्रवेश और दी जा रही डिग्रियों के आरोपों की जांच करवाने का निर्णय बैठक में लिया गया। कॉलेज संचालन और वहां से डिग्री दिए जाने पर लग रहे गंभीर आरोपों की जांच को विवि अलग से जांच कमेटी बनाएगा और कमेटी पता लगाएगी कि आरोप कितने सही हैं, और इसमें किस स्तर पर चूक हुई है। इसका पता लगाया जाएगा।
नई शिक्षा नीति को लागू करने का एक मत न होने से टला मामला
शिमला । बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नए सत्र से यूजी में लागू किए जाने पर लंबी चर्चा हुई। सदस्यों ने नीति को लागू करने से पूर्व इसके लिए तैयारियां करने की राय दी। पहली बार बैठक में शरीक हुए विधायक हरीश जनारथा ने इस मामले में जल्दबाजी न करने और इसे लागू करने के लिए पूरी योजना बनाने, सुविधाएं जुटाने के बाद ही इसे लागू करने की बात कही, जिससे छात्रों को परेशानी न हो। पहले रूसा को लागू करन में की गई जल्दबाजी से छात्र परेशान हुए थे।
बिना स्थायी कुलपति के हो जाएंगे प्रदेश तीन विश्वविद्यालयकार्यवाहक कुलपति और बिना प्रति कुलपति के चल रहे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बाद अब मंडी और तकनीकी विश्वविद्यालय भी बिना स्थाई कुलपति और प्रति कुलपति के हो जाएंगे । बीते रोज एचपीयू की कार्यकारिणी परिषद में विवि के ईओएल पर गए मंडी विवि के कुलपति, प्रति कुलपति और हमीरपुर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति की छुट्टियों के रद़द किए जाने के हुए निर्णय के बाद प्रदेश के तीन तीन विश्वविद्यालय बिना स्थायी कुलपति के हो जाएंगे। प्रदेश सरकार को सत्ता में आए तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है। बार बार एचपीयू में स्थायी कुलपति की तैनाती जल्द किए जाने की उठ रही मांग के बावजूद अभी तक कुलपति के पद पर नियुक्ति करने की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो सकी है। इसी बीच विवि के प्रति कुलपति ने भी पद छोड़ दिया।
अब एचपीयू के कुलपति पद का कार्यभार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति देख रहे हैं। ईसी के निर्णय के बाद इसकी कार्रवाई रिपोर्ट जारी होने आदेश जारी होने पर सरदार पटेल और तकनीकी विश्वविद्यालय भी बिना स्थाई कुलपति के हो जाएगा। अब सरकार इन पदों की जिम्मेदारी किसी सौंपी जाएगी, छुटि़्टयां रद्द होने के बाद इन तीन शिक्षकों का अगल कदम क्या रहता है, इस पर सबकी निगाह रहेगी। एक साथ तीन तीन विश्वविद्यालयों के बिना कुलपति होने पर प्रदेश सरकार को इन विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी गठन कर प्रक्रिया एक साथ शुरू करनी पड़ेगी, जिससे विश्वविद्यालयों को जल्द स्थाई मुखिया मिले।
By अमर उजाला