राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित 26वें दीक्षांत समारोह में 10 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर दीक्षांत समारोह को संबोधित भी किया और गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
दीक्षांत समारोह में 99 विद्यार्थियों को पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की गई, जिनमें 59 छात्राएं एवं 40 छात्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 111 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें 34 छात्र एवं 77 छात्राएं शामिल हैं।
इससे पहले, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सभी उपाधिधारकों और स्वर्ण पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रपति की गरिमामयी उपस्थिति में इस दीक्षांत समारोह का आयोजन हम सबके लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि इस शिक्षण संस्थान में ज्ञान अर्जित करना विद्यार्थी जीवन का एक महत्वपूर्ण अवसर है और अब औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत वे इस ज्ञान को व्यावहारिक रूप से अपनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा इस विश्वविद्यालय को पुनः ए-ग्रेड प्रदान किया गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय देश का एक अग्रणी संस्थान है और समस्त भारत सहित देश-विदेश से भी विद्यार्थी यहां उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान कार्य के लिए आते हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का गौरवमयी इतिहास है और यहां से शिक्षा अर्जित करने के उपरांत विद्यार्थी राष्ट्र और विश्व स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाएं प्रदान कर प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टिकाऊ एवं मज़बूत अर्थव्यवस्था के साथ आज भारत विश्व के समृद्ध राष्ट्रों में शुमार होने की दिशा में अग्रसर हैं। संपूर्ण विश्व भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में देख रहा है।
मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस बुराई के विरुद्ध विद्यार्थियों और युवाओं को साथ लेकर व्यापक अभियान शुरू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया के अग्रणी 20 देशों के समूह (जी-20) की अध्यक्षता कर रहा है। ‘एक धरती-एक परिवार-एक भविष्य’ की अवधारणा एक दिन में स्थापित नहीं की जा सकती है। यह हमारी सोच एवं स्वभाव में प्रतिबिंबित होती है। उन्होंने कहा कि हमारी इन परंपराओं एवं संस्कृति को विस्तार देने में हमारे विश्वविद्यालय ऐसे विचारों के संवाहक बनें।
उन्होंने कहा कि आज का दिन प्रत्येक विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि वे उपाधि प्राप्त करने के उपरांत एक नए सामाजिक परिदृश्य में कदम रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली एक निरंतर प्रक्रिया है और सभी उपाधिधारक परिसर से बाहर निकलकर अब व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह हमारे लिए खुशी के पल हैं कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु देवभूमि हिमाचल प्रदेश पधारी हैं और उनकी उपस्थिति ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की गरिमा को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को अपने जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और समर्पण भाव से राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और उन्होंने इस अवसर पर छात्र जीवन से जुड़ी अपनी स्मृतियां भी साझा की। विश्वविद्यालय के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यहां से शिक्षा ग्रहण कर अनेक छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन किया है।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा इसे ‘ए’ श्रेणी का दर्जा प्रदान किया गया है, जो कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रमाण है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार यहां छात्रों एवं शिक्षक वर्ग को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर संभव सहयोग और सहायता प्रदान करेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेने और समाज के हर वर्ग तक शिक्षा का लाभ सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न शैक्षिक और जागरूकता गतिविधियां संचालित करने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय इस लक्ष्य को हासिल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने छात्र जीवन में ईमानदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे सफलता की कुंजी बताया। उन्होंने कहा कि हम सभी आजीवन नया सीखते रहते हैं और विद्यार्थियों को औपचारिक शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत भी ज्ञान अर्जन के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेवारियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाएं और त्रुटियों से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के बहुमूल्य 8 वर्ष इस प्रतिष्ठित संस्थान में बिताए हैं। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल के लिए गर्व की बात है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपति को हिमाचली टोपी और शॉल भेंट कर सम्मानित किया और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल ने राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी।
कुलपति ने इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एवं सांसद सुरेश कश्यप को सम्मानित भी किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा व संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, विधायकगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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