प्रस्तर कला व काष्ठ कला में माहिर मूर्तिकार हरदेव सिंह

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चंबा  ज़िला की समृद्ध लोक कला एवं संस्कृति जगत विख्यात है । 

यहां मौजूद  पारम्परिक शिल्प  कलाओं की की समृद्ध विरासत में  चंबा रुमाल, मिनिएचर पेंटिंग, मूर्तिकला, काष्ठ कला , प्रस्तर कला, चंबा चप्पल, चंबा थाल  से संबंधित व्यवसाय में कई  कलाकार -शिल्पकार अपना जीविकोपार्जन करने के साथ  अपनी गौरवशाली परंपरा  को भी बखूबी सहेजे हुए हैं । 

ज़िला चंबा में प्रस्तर कला के क्षेत्र में भी कई प्रसिद्ध कलाकार- शिल्पकार  आज भी  स्थानीय लोक कला की दृष्टि से अपना योगदान दे रहे हैं । 

ज़िला मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कोहाल के गांव सोहीं के रहने वाले 80 वर्षीय मूर्तिकार हरदेव सिंह पत्थरों को तराश कर  मूर्तियों को जीवंत रूप देने की कला में माहिर हैं । 

यह  शिल्पकार ना केवल  प्रस्तर कला में माहिर हैं  अपितु इनको  काष्ठ कला में भी विशेष महारत हासिल है। 

अपने पुश्तैनी व्यवसाय को आगे बढ़ाता यह   शिल्पकार  गत 30 वर्षों से अपने पुत्र सहित कई लोगों को मूर्तिकला के गुर सिखा चुका है । 

वे किसी भी फोटो के अनुरूप उसकी मूर्ति बना  देने में माहिर हैं । 

उनका कहना है कि  एक उत्कृष्ट कलाकृति  बनाने के लिए  कला के हिसाब से  3 से 6 महीने का समय लगता है । 

इनके द्वारा बनाई गई कलाकृतियां प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी बिकती हैं । 

एक मूर्ति की एवज में वह 50 हजार से लेकर दो लाख तक  आसानी से  प्राप्त कर लेते हैं। 

उनका यह भी कहना है कि युवा पीढ़ी भी इस कला से जुड़ कर घर द्वार पर रोजगार के  अवसर जुटा सकते हैं । 

चम्बा की समृद्ध कला एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन को लेकर  ज़िला  प्रशासन ने पहल करते हुए चंबयाल नामक प्रोजेक्ट शुरू किया है  ।  प्रोजेक्ट को    व्यवहारिक रूप देने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न आर्ट एंड क्राफ्ट   सोसायटियों को पंजीकृत किया गया है । 

 खास बात यह है कि ज़िला के  प्रसिद्ध कला उत्पाद चंबा रुमाल, और चंबा चप्पल को  जीआई अधिनियम 1999 के तहत “जीआई” टैग भी हासिल हो चुका है ।

चंबा मेटल क्राफ्ट को “जीआई” टैग (भौगोलिक संकेत) की सूची में शामिल करने को लेकर ज़िला प्रशासन  चंबा की पहल पर  हिमाचल प्रदेश  पेटेंट सूचना  केन्द्र शिमला ने पारंपरिक मूल्यवान संभावित उत्पाद के भौगोलिक  उपदर्शनी संकेत  (GI- TAG) के तहत   प्रक्रिया को पूर्ण किया  है ।  

विधानसभा क्षेत्र चुराह के ग्राम पंचायत 

कोहाल के रहने वाले  मूर्तिकार हरदेव सिंह को 

वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह कर चुके हैं सम्मानित ।

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