EV Industry में अब दोगुनी रफ्तार से आएगी क्रांति, कश्मीर के बाद अब राजस्थान के इस जिले में मिला लिथियम का दूसरा भंडार
EV Industry में अब दोगुनी रफ्तार से आएगी क्रांति, कश्मीर के बाद अब राजस्थान के इस जिले में मिला लिथियम का दूसरा भंडार। राजस्थान के नागौर जिले में डेगाना नगर पालिका में बड़ी लिथियम जमा की खोज की गई है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि हाल ही में जम्मू और कश्मीर में पाए गए 5.9 मिलियन टन धातु से अधिक क्षमता है।
भारत वर्तमान में अपनी लिथियम आवश्यकताओं के लिए विदेशी आयात पर निर्भर है। 2020 से 2021 में, भारत ने 6,000 करोड़ रुपये के लिथियम का आयात किया।
लिथियम एक आवश्यक धातु है
वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र से 2027-28 तक 3,000 GWh तक बैटरी बनाने की उम्मीद है। जम्मू और कश्मीर में नए लिथियम भंडारों की खोज के कारण भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला हितधारक बन सकता है, जो अन्य जगहों की तुलना में बेहतर गुणवत्ता का अनुमान है। इसकी उपज दो गुना अधिक होती है। इससे आने वाले समय में बेहतर लाभ देखने को मिलेगा। दरअसल, लीथियम एक ऐसी ‘अलौह’ धातु है जो किसी भी बैटरी के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है।
फोन से लेकर सोलर पैनल तक लिथियम की जरूरत
सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खान सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह जरूरत होती है, चाहे वह मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और प्रसंस्करण करना बहुत जरूरी है।
By समाचार नामा
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